उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में डॉ o एस o के o गौड़ वरिष्ठ होम्योपैथ संस्थाध्यक्ष की अध्यक्षता में देहदान केतव्य संस्था के सदस्य किरण वार्ष्णेय के घर उन्हें सम्मानित करने के लिये पहुँचे। विदित रहे श्रीमती किरण वार्ष्णेय ने मरणोपरांत नेत्र व देहदान करने का संकल्प लेकर हाल ही में संस्था की सदस्यता ली। उनके पति दिलीप वार्ष्णेय पहले से ही सदस्य हैं। डॉ एस के गौड़ ने कहा कि संस्था के प्रति लोगों का रूझान व समर्थन दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।अभी तक लगभग 175 सदस्यों ने विश्वास जता संकल्प लिया है।अनेकों सदस्य मेरठ से भी हैं।पूर्व विदित है कि 5/6 मृत शरीर व 14/15 सम्मानीय लोगों की आँखें (कॉर्निया)विभिन्न मेडिकल कॉलेजों (जे o एन oअलीगढ़, मेरठ व आगरा )में पहुंचा चुके हैं।02महिलाएं भी हैं।उन्होंने कहा कि मरणोपरांत जीवित रहने हेतु उत्तम मानवीय रास्ता है। इस अवसर पर देहदान कर्तव्य संस्था के संरक्षक व वयोवृद्ध समाजसेवी राजाराम मित्र ने कहा शरीर नश्वर है,इस पर हमारा कतई कैसा भी अधिकार नहीं। मरने के बाद देहदान करना ही सच्ची पूजा है। डॉ o आशा राठी ने कहा देहदान कर्तव्य संस्था अच्छा सामाजिक कार्य कर रही है।डॉ o जयन्त शर्मा(सचिव)ने इस अवसर पर विचार देते हुए कहा कि मेडिकल
कॉलेजों को मृत शरीर की अत्यन्त आवश्यकता पड़ती रहती है। कॉर्निया बिना देश में असंख्यों व्यक्ति नेत्रहीन हैं।अतः लोगों को संस्था से जुड़ना चाहिए। हितेष छाबड़ा(कोषाध्यक्ष)ने बताया कि सदस्यता के लिए कोई विशेष वाध्यता नहीं है । रक्तवीर चौधरी अजय सिंह ने कहा कि रक्तशिविर लगा रक्तदान में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। डॉ o डी o के o वर्मा ने कहा कि हमारे सामाजिक कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने में मीडिया काफी सहयोगी सिद्ध हो रहा है।इसके लिए मीडिया का विशेष आभार भी व्यक्त किया । डॉ o सुनील कुमार (संस्थाध्यक्ष हैंड्स फ़ॉर हेल्प) ने कहा कि संस्था के कामों को लोग समझने लगे हैं। इस कार्य में विशाल वार्ष्णेय ,भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक का विशेष सहयोग रहा । इसके बाद देव अग्रवाल (थैलीसीमिया सोसाइटी के जन्मदिन पर एम o एस o हॉस्पिटल जा कर रोगियों को फल वितरित किए। जिसमे विवेक अग्रवाल, योगेश शर्मा आदि सहयोगी बने।
अलीगढ़ से जिला
संवाददाता गौरव वर्मा