अलीगढ़ हिंदू धर्म का सबसे पवित्र सावन का महीना भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है, जबकि इसी परंपरा को ध्यान में रखकर तमाम शिव भक्त श्रावण मास के सोमवार में देवों के देव महादेव के दर्शन करके ना सिर्फ उनकी पूजा अर्चना करते हैं बल्कि अनेक स्थान पर शिवभक्त विभिन्न गंगा तटों पर जाकर यहां से कांवर भी लेकर आते हैं। इधर अलीगढ़ में भी सिद्धपीठ खेरेश्वर धाम हरिदास पुर मंदिर की बड़ी प्राचीन मान्यता है। जहां भादों के महीने में लगने वाले देवछट मेले की छटा निहारने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं वहीं श्रावण मास के सोमवार में भी यहाँ पर श्रद्धालुओं की अपार भीड़ उमड़ती है। सूत्रों की माने तो मंदिर का इतिहास द्वापर काल से जुड़ा है जब कभी यहां स्वयं भगवान श्री कृष्ण ने अपने भाई बलराम जी के साथ यहां पर एक रात के लिए प्रवास किया और यहां साधू संतो की मनुहार पर बलराम जी ने उस वक़्त के आतातायी असुर कोलासुर का अपने हल से अंत किया था। इतना ही नहीं ये स्थान संगीत सम्राट स्वामी हरिदास जी की जन्मस्थली होने के कारण औऱ भी ज्यादा पवित्र माना जाता है साथ ही श्रावण मास से लगने वाला भक्तों का ये अनवरत रेला यहां भादों के बलदेव छठ मेले तक चलता है।
इस दौरान सिद्धपीठ खेरेश्वर धाम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष ठाकुर सत्यपाल सिंह और कोषाध्यक्ष देवेन्द्र सिंह चौहान ने श्रावण मास में मंदिर पर नियत की जाने वाली सभी व्यवस्थाओं के विषय में विस्तार से बताया और कहा कि सावन के सोमवार में श्रद्धालुओं की भीड़ से निबटने के पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने बताया कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर परिसर में बेरिकेडिंग लगाए गए हैं साथ ही यहां साफ़ सफाई और साज सज्जा का काम अंतिम चरण में है।