राहुल नवरत्न की रिपोर्ट
लखनऊ । बाबासाहेब भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय में समाजशास्त्र विद्यापीठ की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, सतत विकास लक्ष्य एवं राष्ट्र निर्माण : दृष्टिकोण, मुद्दे, चिंताएं एवं चुनौतियां ‘ विषय पर आयोजित द्वि – दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का समापन हुआ । समापन सत्र के दौरान विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसिद्ध भारतीय समाज वैज्ञानिक, राजनीतिक विश्लेषक एवं जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विषय के पूर्व शिक्षक प्रो० आनंद कुमार मौजूद रहें। इसके अतिरिक्त मंच पर प्रो० आई० एस० चौहान, समाजशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो० जया श्रीवास्तव, आयोजन सचिव प्रो० मनीष कुमार वर्मा, डॉ० अजय कुमार, डॉ० ब्रजेश कुमार एवं डॉ० प्रीति चौधरी मौजूद रहे। आयोजन सचिव एवं अन्य शिक्षकों द्वारा प्रो० आनंद कुमार को पुष्पगुच्छ, स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट कर उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
प्रो० आनंद कुमार ने शिक्षा व्यवस्था पर विस्तृत चर्चा करते हुए कहा, कि भारत संभावनाओं का देश है जहाँ शिक्षा को बहुविषयी उद्देश्यों के साथ देखा जाता है। किन्तु दुर्भाग्यवश आज यह जनतंत्र से धनतंत्र में बदलता जा रहा है। शिक्षा के मुख्य पांच लक्ष्य है, जिसमें व्यक्तित्व निर्माण, भविष्य निर्माण, नागरिक निर्माण, राष्ट्र निर्माण एवं मानव निर्माण शामिल हैं। शिक्षा के जरिये सभ्यता का पुनरोद्धार संभव है और राष्ट्रीय शिक्षा नीति इसी उद्देश्य के साथ सभी के समक्ष प्रस्तुत है।
प्रोफेसर आई एस चौहान ने सेमिनार के विषय में चर्चा करते हुए कहा कि भारतीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा व्यवस्था को बेहतर करने का प्रयास है लेकिन इसी के साथ ही यह कई चुनौतियां भी हमारे सामने रखती है। डॉ बृजेश कुमार द्वारा दो दिवसीय सेमिनार की रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी I सेमिनार में पूरे भारत से 500 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया I समापन सत्र के दौरान विभिन्न शिक्षाविदों द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति : 2020 के संदर्भ में पैनल चर्चा की गई।
पैनल चर्चा के दौरान प्रो० सुखांत चौधरी, प्रो० श्वेता प्रसाद, प्रो० तपन मोहंती, प्रो० अजैल्यु निमानी, प्रो० रजनी बाला एवं प्रो० माधव गोविन्द मौजूद रहे। कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षकगण एवं देश भर से आये प्रतिभागी शामिल हुए।