अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में नेत्रदानी मनोरमा देवी की उठावनी में एक विशाल समूह को नेत्रदान के प्रति जागरुक किया । देहदान कर्तव्य संस्था के सदस्य भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक के अनुसार विगत दिवस सी ए अरुण वार्ष्णेय की माताश्री मनोरमा देवी की मृत्यु उपरांत आपकी अंतिम इच्छा को देखते हुए परिजनों ने नेतृदान जैसा पुण्य कार्य पूर्ण कराया था । 11 वर्ष पूर्व सी ए अरुण वार्ष्णेय ने अपने पूज्य पिताजी एवं पूज्य गुरुजी जे सी वार्ष्णेय का भी मृत्यु उपरांत नेत्रदान कराया था ।
इस अवसर पर संरक्षक वयोवृद्ध वरिष्ठ समाजसेवी राजाराम मित्र ने कहा कि देश में असंख्य लोग नेत्रदान (मरणोपरांत) ना होने के कारण ईश्वरी अनुकम्पा वाली दुनियाँ की रंगीनियत नहीं देख पाते घुटन वाला जीवन बिताते हैं। उन्होंने देहदान पर बोलते हुए कहा कि विद्यार्थी सजीव अंगों को नहीं देख पायेगा तो सफल चिकित्सक कैसे बन पायेगा। इसके लिए पार्थिव शरीर की आवश्यकता पढ़ती है। इसलिये देहदान भी अति आवश्यक है।
डॉ गौड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि थोड़े समय को अपनी आंखों को बन्द करने पर उपयोगिता का पता चल जाएगा। उन लोगों के बारे में विचारे जो देखने के वास्ते वर्षों से किसी दानी कौरनिया का इंतजार कर रहे हैं। यदि मरने के बाद भी अदृश्य रूप में जीवित रहना है तो नेत्रदान हेतु संकल्पित हों। यही दिवंगत आत्मा हेतु सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
डॉ गौड़ ने आह्वान करते हुए अपना मोबाइल नम्बर लिखने का आग्रह करते हुए कहा कि पड़ोस,मित्र आदि किसी की मृत्यु सूचना दे कर मानवीयता में सहयोगी बन सकते हैं। सूचना मिलने पर आगे की कार्रवाई संस्था करेगी। मेरे मानवीय विचार तभी सकारात्मक होंगे कि आप में से एक व्यक्ति ने भी नंबर नोट कर कॉल की।
जागरुकता का इससे बड़ा और क्या उदाहरण होगा कि घर पहुंचने से पहले एक नहीं बल्कि कई कॉल आयी कि आपने जो नंबर दिया वह सही है।
अब हम निश्चित होने पर इसे फीड कर लेते हैं।डॉ गौड़ ने परिवार द्वारा लीक से हटकर रूढ़ीवादिता को दरकिनार कर उठाए कदम को साधुवाद बताते हुए कहा कि इस परिवार ने केवल अपनी समाज में गरिमा ही नहीं बढ़ाई बल्कि वार्ष्णेय समाज को गौरवान्वित किया।
विचारों के बाद पारिवारिक सदस्यों को डॉ श्रॉफ आई केयर वृंदावन द्वारा प्रदत्त प्रशस्ति पत्र संस्था के अनेक सदस्यों को सहयोगी बना सम्मान भेंट किया।
इस अवसर पर राजा राम मित्र , डा एस के गौड़ , डॉ आशा राठी (उपाध्यक्ष), डॉ डी के वर्मा मीडिया प्रभारी), सी ए अनिल वार्ष्णेय,भुवनेश आधुनिक , सी ए अरुण वार्ष्णेय, इं आलोक वार्ष्णेय, सी ए अतुल गुप्ता , सी ए अंकुर वार्ष्णेय, इंजी सिद्धार्थ वार्ष्णेय, रेखा, सीमा अल्का, विवेक अग्रवाल, अजय राणा, दिलीप वार्ष्णेय, किरण वार्ष्णेय आदि सराहनीय सहयोगी रहे।