निजी चिकित्सालयों को हर महीने 24 बिंदुओं पर रिपोर्ट देना अनिवार्य : सीएमओ
रेनू शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर । मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभागार में पीएसआई इंडिया के सहयोग से बुधवार की शाम जनपद के स्वास्थ्य विभाग ने निजी चिकित्सालयों के साथ बैठक की। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ विनय कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जिलेभर के 28 निजी अस्पताल के संचालकों ने हिस्सा लिया है। बैठक में निजी चिकित्सालयों के संचालकों को हर माह की 25 तारीख तक अपनी मासिक रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने कहा- जनपद में परिवार नियोजन कार्यक्रम को और बेहतर बनाने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी मुद्दे पर जनपद के निजी चिकित्सालयों के संचालकों की बैठक बुलाई गई है। सीएमओ नेप्रसव संबंधित जांच, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन (पोस्ट पार्टम परिवार नियोजन, पोस्ट अबॉर्शन परिवार नियोजन) और नियमित टीकाकरण सहित 24 बिंदुओं के बारे में बताया और कहा कि सभी इन पर अपनी रिपोर्ट हर माह सीएमओ कार्यालय को उपलब्ध कराएं
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा.सुधीर गुप्ता ने कहा- जनपद में संचालित निजी चिकित्सालयों के संचालक अपनी रिपोर्ट समय से जमा करें। जनपद में अभी तक 17 चिकित्सालयों की रिपोर्ट ही मिल रही हैं, जबकि जनपद में प्रसव से जुड़े 27 प्रमुख निजी अस्पताल हैं। आईएमए के अध्यक्ष डा. संजीव अग्रवाल ने जनपद में संचालित सभी अस्पताल संचालकों से स्वास्थ्य विभाग के 24 बिंदुओं पर मासिक रिपोर्ट देने की अपील की। पीएसआई के आईवी श्रीवास्तव कहा- जनपद में विभिन्न कार्यक्रमों के साथ साथ हौसला साझेदारी को बढ़ावा देने की जरूरत है।
टीम द्वारा किए गए कार्य को लेकर हौसला साझेदारी कार्यक्रम व आयुष्मान भारत योजना से जुड़े चिकित्सालयों को विभाग की तरफ से दिए फार्मेट में हर माह रिपोर्ट देनी है। महिलाओं को दी जाने वाली प्रसवकालीन सेवाओं, सी सेक्शन प्रसव, सामान्य प्रसव, शिशु जन्म, शिशु मृत्यु, पुरुष नसबंदी, महिला नसबंदी और बच्चों को लगाये जाने वाले टीके समेत कुल 24 बिंदुओं के बारे में जानकारी दी जानी है।
डा. गुप्ता ने कहा जनपद में सरकारी चिकित्सालयों की तरह निजी चिकित्सालयों से पूर्ण रिपोर्टिंग करवाने के प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में हेल्थ मैनेजमेंट इन्फॉर्मेशन सिस्टम (एचएमआईएस) पर एंटी नेटल केयर सर्विसेज, संस्थागत प्रसव, परिवार नियोजन और बच्चों के नियमित टीकाकरण की रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई है। शिशु व मातृ मृत्यु दर रोकने में इन रिपोर्ट्स व आंकड़ों का खास योगदान है।
उन्होंने कहा -जब तक निजी क्षेत्र से भी संपूर्ण रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक जच्चा बच्चा और बाल स्वास्थ्य से जुड़ी योजनाओं का संपूर्ण लाभ समुदाय तक नहीं पहुंच सकता। रिपोर्टिंग के अभाव में जिले की रैंकिंग भी प्रभावित होती है। इसी उद्देश्य से निजी चिकित्सालयों को रिपोर्टिंग के लिए प्रेरित किया जा रहा है। बैठक में पीएसआई से विशाल कुमार, परिवार नियोजन से आलोक कुमार, हिमांशू सचिदेवा, आतिफ अली आदि मौजूद रहे।