-15 वर्ष के 508 क्षय रोग से ग्रसित बच्चों का चल रहा उपचार
संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । देश को 2025 तक टीबी से मुक्त कराने के लिए क्षय रोग विभाग लगातार अधिक प्रयास कर रहा है। क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत जनपद में अभियान भी चलाया जा रहा है। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्र द्वारा मरीजों को पोषण सामग्री के साथ-साथ रोगी के खाते में सरकार की ओर से इलाज के दौरान प्रति माह 500 रुपये भेजा जा रहा है। साथ ही क्षय रोग विभाग द्वारा 15 वर्ष के 508 क्षय रोग से ग्रसित बच्चों का उपचार भी चल रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि किसी भी बच्चे को दो हफ्ते से ज़्यादा लगातार खांसी व बुखार है, और बच्चा चिढ़चिड़ा सुस्त है या बच्चे की उम्र के साथ वजन नहीं बढ़ रहा या लगातार वजन घट रहा है, बच्चे के शरीर के किसी हिस्से में गांठ व गिल्टी है ये टीबी के लक्षण हो सकते हैं।
डीटीओ ने बताया कि क्षय रोग संक्रामक बीमारी है। यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कुपोषित बच्चों में जल्दी होने की संभावना ज़्यादा रहती है, इसलिए क्षय रोग में होने वालीं मृत्यु दर में कमी लाने के लिए अच्छे खान पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है, लक्षणों का पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच कराएं, टीबी की पुष्टि होने पर तुरंत उपचार कराएं। बीच में उपचार अधूरा न छोड़ें छ: माह तक पूरा उपचार कराएं। इलाज अधूरा छोड़ने से टीबी घातक हो सकती है।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. इमरान सिद्दीकी ने बताया कि जिले में जनवरी माह से अब तक कुल 12165 टीबी मरीज़ निकले हैं। जिसमें से कुल 3729 टीबी मरीजों को उपचार दिया जा चुका है और वे स्वस्थ्य हैं वर्तमान में जिले में 6935 टीबी मरीजों का इलाज चल रहा है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया ने बताया कि जिले में जनवरी 2022 से अबतक 15 साल तक के 864 मरीज कुल निकले थे, जिसमें से जिसमे से 312 मरीज पूर्ण रूप से सही हो चुके हैं एवं वर्तमान में 15 साल से छोटे 508 टीबी से ग्रसित बच्चों का इलाज चल रहा है है, इन बच्चों को शरीर के अन्य हिस्से में (गले में गिल्टी या शरीर के अन्य हिस्सों में गांठ) से जुड़े टीबी (एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी) के मरीज हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह के लक्षण होने पर क्षय रोग की पहचान करने के लिए तुरंत जांच कराएं। बच्चे को बुखार या दो हफ्तों से ज़्यादा लगातार खाँसी या बच्चे के गले में गिल्टी या शरीर के किसी हिस्से में गांठ है तो यह टीबी का लक्षण हो सकता है। लक्षण होते ही तुरंत जांच कराकर इलाज कराएं। उपचार के दौरान निक्षय योजना के तहत हर क्षय रोगी के खाते में सरकार की ओर से प्रति माह 500 रुपये भेजे जाते हैं।
– टीबी के शुरुआती लक्षण :
•बुखार व ठंड लगना
•भूख न लगना
•लगातार वजन घटना
•दो हफ्तों से ज़्यादा खाँसी रहना
•शरीर के किसी हिस्से में गांठ या गिल्टी होना
•बच्चे में चिड़चिड़ापन या सुस्त रहना
•कमजोरी महसूस होना