महासम्मेलन में प्रमुख मुद्दा पुरानी पेंशन बहाली का छाया रहा
शिक्षकों को वी आई पी कैडर दिया जाए
संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ बेंगलुरू स्थित जनसेवा विद्या केंद्र में कर्नाटक राज्य के मुख्यमंत्री वसवराज बोम्मई ने शुक्रवार को किया। इसका समापन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सुरेश सोनी के संबोधन के पश्चात हुआ। अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय अधिवेशन बेंगलुरु कर्नाटक में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के मंडल अध्यक्ष डॉ राजेश चौहान एवं जिला महामंत्री सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि पुरानी पेंशन बहाली का मुद्दा जोर शोर से उठाया गया।
अखिल भारतीय राष्ट्रीय अधिवेशन में पूरे भारत देश के प्रांत सभी प्रांतों से राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया। जिसमें उत्तर प्रदेश के उत्तर प्रदेश के प्राथमिक शिक्षकों को शिक्षक एमएलसी चुनने हेतु मतदाता बनाने की मांग की। अधिवेशन में सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने का प्रस्ताव पारित किया गया। अधिवेशन में महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री सेवानंद चंदनकेरा द्वारा प्रस्तावित 21 सूत्री समस्याओं को अधिवेशन में प्रतिभाग करने वाले शिक्षकों के समक्ष रखा गया।
प्रमुख रूप से जनवरी 2004 से पूर्व की भांति पुरानी पेंशन योजना सभी शिक्षकों की बहाली की जाय। संपूर्ण देश में सभी स्तरों के रिक्त पदों पर स्थाई और नियमित नियुक्ति की जाए एवं तदर्थवाद बंद हो सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को संपूर्ण देश में एक समान लागू कर विसंगतियों को दूर किया जाए संपूर्ण देश के शिक्षकों की सेवानिवृत्ति एक समान 65 वर्ष हो रिक्त पदों पर स्थाई और नियमित नियुक्ति सुनिश्चित की जाए स्कूल एवं उच्च शिक्षा के समस्त शिक्षकों को समुचित चिकित्सा सुविधा के लिए निशुल्क स्वास्थ्य कार्ड जारी कर प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए ।
समस्त शिक्षकों को वीआईपी कैडर दिया जाए जिससे उनको समाज में पूरा सामान मिल सके शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाए कक्षावार एवं विषय वार छात्र शिक्षक अनुपात हो उच्च शिक्षा में यूजीसी के मानदंडों को लागू किया जाए समय पद कैरियर एडवांसमेंट योजना का लाभ दिया जाए।
राष्ट्रीय अधिवेशन बेंगलुरु में जनपद अलीगढ़ से प्रतिभा करने वाले डॉक्टर राजेश सिंह चौहान सुशील कुमार शर्मा नरेंद्र भारद्वाज कैलाश रावत एवं हाथरस से प्रतिभा करने वाले रविकांत मिश्रा संजय गौतम बृजेश शर्मा संजय शर्मा सहित पूरे भारतवर्ष से सभी 28 राज्यों के शिक्षक प्रतिनिधियों ने प्रतिभाग किया।