संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ – उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने सर्किट हाउस सभागार में डेंगू व संचारी रोगों की समीक्षा के दौरान व्यक्त किये। उन्होंने चिकित्सकों को नसीहत देते हुए कहा कि यदि हम स्वयं काम नहीं करेंगे तो दूसरा हमारी मदद करने नहीं आएगा। हमें जिम्मेदारी से भागना नहीं है, बल्कि उसका अच्छे से निर्वहन करना है। ऐसे ही आपको धरती का भगवान नहीं कहा गया है जब आप सफेद कोट पहन लेते हैं तो सभी तरफ से हारा हुआ मरीज भी आपकी तरफ आशा की दृष्टि से देखने लगता है। उन्होंने सीएमओ एवं डिप्टी सीएमओ को ओपीडी के साथ ही नियमित रूप से कम से कम 05-05 चिकित्सालयों का निरीक्षण करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि जनपद में 04 जिला चिकित्सालय, 16 सीएचसी, 38 पीएचसी, 384 स्वास्थ्य उपकेन्द्र, 246 हैल्थ वैलनेस सेन्टर संचालित होने के बाद भी यदि बीमार को समुचित इलाज नहीं मिलता है तो कार्यवाही की जाएगी।
उपमुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि सभी एक चिकित्सक, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स को क्षेत्र में भेजकर हर घर मॉनिटरिंग कराई जाए और मरीज को घर पर ही ट्रीट किया जाए। इस समय कोरोना जैसी क्रिटिकल स्टेज नहीं है मरीजों को वैंटीलेटर एवं ऑक्सीजन की भी आवश्यकता नहीं है। किसी भी मरीज को वापस नहीं करना है, सभी चिकित्सालयों में एक रजिस्टर बनाया जाए और उसमें मरीज को रेफर करने का कारण दर्ज किया जाए।
उन्होंने सीएमओ से चिकित्सालयों, चिकित्सकों, उपलब्ध दवाईयों एवं अन्य संसाधनों की जानकारी करते हुए समीक्षा बैठक के दौरान ही मिशन निदेशक एनएचएम अपर्णा उपाध्याय से दूरभाष पर वार्ता कर सीएमओ की मांग के अनुरूप प्राथमिकता पर जनपद को चिकित्सकों एवं संसाधनों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोई भी स्वास्थ्य केन्द्र डाक्टर विहीन नहीं रहना चाहिये। इस सम्बन्ध में उन्होंने सीएमओ को भी स्थानीय स्तर पर चिकित्सकों की भर्ती करने के लिये खुली छूट प्रदान की।
उन्होंने जनपद में संचालित सभी हैल्थ वैलनेस सेन्टर की सूची सम्बन्धित ब्लॉक मुख्यालय पर प्रदर्शित कराने के साथ ही उनमें संजीवनी एप के माध्यम से मरीजों को उचित चिकित्सकीय परामर्श दिलाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने सीएमओ को निर्देशित किया कि स्थानीय जनप्रतिनिधियों के फीडबैक को आधार बनाते हुए चिकित्सालयों में चिकित्सकीय सुविधाएं प्रदान की जाएं।
जनप्रतिनिधियों को किसी प्रकार की शिकायत नहीं होनी चाहिये, उनकी बातों को संवेदनशीलता के साथ सुन उन पर अमल किया जाए। उन्होंने आयुष्मान कार्ड बनाने एवं वितरण की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी को कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्वयं समीक्षा की जाए, जिस जिलाधिकारी ने डिप्टी सीएम को डॉक्टर्स एवं पैरामेडिकल स्टाफ की जागरूकता वर्कशाप किये जाने के लिये आश्वस्त किया।