– खुर्जा के एसएस जटिया अस्पताल में पुरुषों ने स्वेच्छा से कराई नसबंदी
रेनू शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर । जनपद के खुर्जा स्थित एसएस जटिया अस्पताल में तीन पुरुषों ने परिवार नियोजन में अपनी भागीदारी निभाते हुए स्थाई साधन के रूप में नसबंदी पर भरोसा जताया। नसबंदी कराने वाले तीनों पुरुषों का कहना है कि पुरुष भागीदारी से परिवार नियोजन को बल मिलेगा। जिला अस्पताल में हर रोज महिला नसबंदी और शुक्रवार को पुरुषों की नसबंदी की जाती है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने कहा कि परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी बढ़नी चाहिये।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया- जनपद के एसएस जटिया खुर्जा, राजकीय अस्पताल सिकंदराबाद के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) सहित जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर का आयोजन किया गया। अब जनपद के एसएस जटिया अस्पताल में पुरुष नसबंदी की सुविधा उपलब्ध है। जागरूकता के अभाव में नसबंदी कराने से पुरुष कतरा रहे हैं,
जबकि सच्चाई यह है कि पुरुष नसबंदी बहुत आसान है। नसबंदी कराने वाले पुरुषों को सरकार प्रोत्साहन राशि के रूप में 3000 रुपये भी देती है। महिलाओं को 2000 रुपये मिलते हैं। जनपद में ब्लॉक स्तर पर महिला नसबंदी के लिए जगह-जगह शिविर लगाए जाते हैं। महिला नसबंदी के बाद एंबुलेंस की मदद से उन्हें घर तक छोड़ा जाता है।
खुर्जा के एसएस जटिया अस्पताल के प्रभारी डा. अजीत बाबा ने बताया अस्पताल में पुरुष नसबंदी की सेवा उपलब्ध है। अब जटिया अस्पताल में भी लोग अपनी नसबंदी करा सकेंगे। जिलेभर में परिवार कल्याण योजना के अंतर्गत ब्लाक स्तर पर नसबंदी कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। शुक्रवार को एसएस जटिया अस्पताल खुर्जा में तीन पुरुषों की नसबंदी की गयी।
उन्होंने बताया वर्ष 2018-19 में 3142 महिलाओं और 32 पुरुषों ने नसबंदी करायी। वहीं 2019-20 में 4094 महिलाओं और 48 पुरुषों ने नसबंदी कराई। वर्ष 2020-21 में 4343 महिलाओं और 38 पुरुषों ने नसबंदी कराई। वर्ष 2021-22 में 4641 महिलाओं और 33 पुरुषों ने नसबंदी कराई। वर्ष 2022-23 में अब तक 1128 महिलाओं और 22 पुरुषों ने नसबंदी कराई है।