नीरज जैन की रिपोर्ट
देवरिया । ड्रोन तकनीक के उपयोग से किसानों को खेती करने में सुविधा होगी। कृषि से संबंधित कई ऐसे कार्य जिन्हें करने में पहले कई दिन लगते थे, उन्हें अब ड्रोन की मदद से कुछ मिनटों में कर लिया जाएगा। प्रदेश सरकार ड्रोन तकनीक के बहुआयामी उपयोग के लिए ठोस प्रयास कर रही है। सरकार ड्रोन से उर्वरक के छिड़काव से लेकर विकास और कल्याणकारी परियोजनाओं का लाभ किसानों तक पहुंचाने के कार्यक्रम की सतत निगरानी कर रही है।
उक्त बातें कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बैतालपुर विकास खण्ड के बलटिकरा ग्राम में सिंजेंटा कंपनी द्वारा आयोजित ड्रोन डिमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के दौरान कही। उन्होंने कहा कि डिजिटल रूप से संचालित कृषि समय की आवश्यकता बनती जा रही है। अनाज में धान, गेहूं, बाजरा, जौ उत्पाद में अग्रणी उत्तर प्रदेश खेती में ड्रोन की कई तरह से उपयोग की बहुत बड़ी गुंजाइश है। राज्य में सरसों, अलसी, तिल, मूंगफली, चना, मटर, मसूर और अरहर बहुतायत में उगाए जाते हैं।
अब हम कृषि क्षेत्र में नई तकनीक के लाभों को देख सकते हैं और विश्व में हो रहे तकनीकी बदलाव को अनुभव कर सकते हैं और यह ड्रोन तकनीक न केवल युवाओं को रोजगार प्रदान करेगी बल्कि श्रम की कमी को भी हल करेगी साथ ही मिट्टी और पर्यावरण को बचाने में भी मदद करेगी। ड्रोन तकनीक हमारे माननीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी की किसानों की आय को दोगुना करने की प्रतिबद्धता को पूरा करने में भी मदद करेगा। यह तकनीक फसलों को कीड़ों, मक्खियों और टिड्डियों से बचाने के अलावा छिड़काव की लागत को कम करके उनकी आय में वृद्धि करेगी।
कृषि मंत्री ने बताया कि ड्रोन छिड़काव से किसानों को केवल सात मिनट में एक एकड़ खेत में स्प्रे करने में मदद मिल सकती है जो श्रम लागत को बचाने और किसानों की दक्षता बढ़ाने में मदद कर सकता है। ड्रोन डिमोस्ट्रेशन कार्यक्रम के दौरान 400 किसानों को इस नई तकनीकी से परिचित कराया गया। इस दौरान उप निदेशक कृषि विकेश कुमार पटेल, जिला कृषि अधिकारी मोहम्मद मुज्जमिल, सिजेंटा कंपनी के प्रतिनिधि सहित विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।