अभियान के तहत 1238 गर्भवती के हुए पंजीकरण
रेनू शर्मा की रिपोर्ट
बुलंदशहर । सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को रफ्तार देने के लिए स्वास्थ्य विभाग हर सम्भव प्रयास कर रहा है। इसके लिए जनपद समेत प्रदेश में एक से सात सितम्बर तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह का आयोजन किया गया । सप्ताह में जनपद बुलंदशहर ने 1238 पंजीकरण कर चौथा स्थान प्राप्त किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने योजना को संचालित कर रही टीम को बधाई देते हुए उनका उत्साहवर्धन किया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. विनय कुमार सिंह ने बताया जनपद में एक से 7 सितम्बर तक पूरे प्रदेश में प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह (अभियान) चलाया गया। अभियान के तहत प्रथम बार मां बनने वाली महिलाओं को योजना का लाभ दिलाने के लिए पंजीकरण कराए गए। इसके लिए विशेष रूप से गांव-गांव में शिविर लगाकर पंजीकरण कराए गये । जनपद में आशा कार्यकर्ताओं, एएनएम की मद्द से पात्र लाभार्थियों के फार्म भरवाए गए।
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के नोडल अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार ने बताया प्रदेश में सप्ताह में प्राप्त उपलब्धि के हिसाब से जनपद शाहजहांपुर का पहला, मेरठ का दूसरा, उन्नाव का तीसरा और जनपद बुलंदशहर का चौथा स्थान रहा है। अभियान के तहत जनपद में 1238 गर्भवती के पंजीकरण कराए गए। डा. कुमार ने उपलब्धि प्राप्त करने पर अपनी टीम को बधाई दी है
पहली बार गर्भवती होने पर तीन किस्तों में मिलते हैं पांच हजार रुपये
डा. प्रवीण कुमार ने बताया- योजना के तहत उचित पोषण के लिए पहली बार गर्भवती (मां बनने) होने पर महिला को तीन किस्तों में पांच हजार रुपये दिए जाते हैं, प्रसव चाहे सरकारी या निजी अस्पताल में कराया गया हो। पंजीकरण के लिए माता-पिता का आधार कार्ड, मां की बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है। मां का बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिये। निजी अकाउंट ही मान्य होगा।
यदि बच्चे का जन्म हो चुका है तो मां और बच्चे दोनों के टीकाकरण का प्रमाणिक पर्चा होना जरूरी है। उन्होंने बताया- पंजीकरण कराने के साथ ही गर्भवती को प्रथम किस्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जाँच होने पर दूसरी किस्त के रूप में (गर्भावस्था के छह माह बाद) 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर तीसरी किस्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।