महिला की अपेक्षा पुरुष नसबन्दी सरल और आसान – सीएमओ
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
कासगंज। परिवार कल्याण कार्यक्रम को बढ़ावा देने के लिए संचालित विभिन्न सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर नौ 9 सितंबर से 23 सितम्बर तक महिला व पुरुष नसबंदी शिविरों का आयोजन किया जाएगा । इसी क्रम में 9 सितम्बर को पटियाली, 14सितम्बर को अमापुर, 21 सितम्बर को कासगंज, 23 सितम्बर को गंजडुंडवारा व सोरों पर शिविर आयोजित होंगे ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अवध किशोर प्रसाद ने बताया कि परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए पुरुष भागीदारी बहुत जरूरी है, क्योंकि महिला नसबन्दी की अपेक्षा पुरुष नसबंदी सरल और आसान है। पुरुष नसबन्दी से स्वास्थ्य पर कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता है, इसलिए फैली हुई भ्रांतियों पर यक़ीन न करें। पुरुष वर्ग परिवार नियोजन के साधन अपनाएं और परिवार में खुशहाली लाएं । उन्होंने सभी से अपील की है कि ज़्यादा से ज़्यादा लाभार्थी नसबन्दी को अपनाकर कार्यक्रम को सफल बनाएं ।
परिवार नियोजन कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह ने बताया कि दो बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतराल रखने के लिए पुरुषो को आगे आने की जरूरत है। उन्होंने पुरुष वर्ग से अपील की है कि वह आगे आकर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग करें । उन्होंने कहा कि परिवार नियोजन में पुरुषों की सहभागिता बहुत ज़रूरी है, परिवार को सीमित रखने व बच्चों के जन्म में तीन साल का अंतराल रखने के लिए पुरुष वर्ग आगे आकर परिवार नियोजन के अस्थाई व स्थाई साधनों को अपनाएं ए ।
यूपी टीएसयू के परिवार नियोजन विशेषज्ञ ने बताया कि महिला नसबन्दी की अपेक्षा पुरुष नसबन्दी सरल व आसान है, पुरुष नसबन्दी बिना चीरा टांके की जाती है । जि इससे पुरुष को किसी भी तरह की कोई परेशानी नहीं होती है, लोगों में फैली हुई भ्रान्तियों को दूर करें, और लोगों को पुरुष नसबन्दी के लिए जागरूक करें। उन्होंने कहा – सरकार की ओर से महिला नसबन्दी पर 2000 रूपये व पुरुष नसबन्दी पर 3000 रूपये प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है | उन्होंने कहा – महिला नसबंदी प्रसव के सात दिन के भीतर, माहवारी शुरू होने के सात दिन के भीतर और गर्भपात होने के तुरंत बाद या सात दिन के अंदर करवाई जा सकती है । वह महिलाएं इस सेवा को अपना सकती हैं जिनकी उम्र 22 वर्ष से अधिक और 49 वर्ष से कम हो ।