वृद्धजनों की सेवा सबसे पुण्य का कार्य-जिलाधिकारी
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह की अध्यक्षता में समाज कल्याण विभाग के माध्यम से अशर्फी ग्रामोद्योग संस्थान द्वारा छर्रा में संचालित वृद्धाश्रम के भुगतान के सम्बन्ध कलैक्ट्रेट सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। डीएम ने कहा कि वृद्धजनों की सेवा सबसे पुण्य का कार्य है। बुजुर्ग हमारे लिये ईश्वर के किसी अवतार से कम नहीं हैं। वरिष्ठजनों, वृद्धजनों का सम्मान हर दिन, हर पल हमारे मन में होना चाहिये और समय-समय पर इसको व्यक्त भी करना चाहिये। बुजुर्गों के आशीर्वाद से ही हमारा पालन-पोषण होता है, उनकी उंगली थाम कर हम चलना सीखते हैं, उनके प्रति सम्मान और अटूट प्रेम होना स्वाभाविक सी बात है, लेकिन इससे भी महत्वपूर्ण होता है जब वह असहाय और अक्षम होते हैं और उनको आपकी मदद की आवश्यकता होती है।
उन्होंने कहा कि जनपद में संचालित वृद्धाश्रम के गुणवत्तापरक ढ़ंग से संचालन के लिये शासन-प्रशासन पूरी तरह से संवेदनशील और प्रतिबद्ध है। इसके लिये शासन द्वारा समय-समय पर विभिन्न नीतियों व नियमों का भी निर्धारण किया जाता है। उन्होंने वृद्धाश्रम संचालक को निर्देशित किया कि शासन द्वारा निर्धारित मानकों के अनुरूप एवं व्यक्तिगत रूप से भी वृद्धाश्रम में मौजूद बुजुर्गों की अच्छे से सेवा करें।
जिला समाज कल्याण अधिकारी सूरज कुमारी ने बताया कि अब तक वृद्धाश्रम के समस्त देयकों का भुगतान निदेशालय स्तर से होता रहा है। निदेशक समाज कल्याण द्वारा जून माह में दिये गये निर्देशों के क्रम में सात सदस्यीय कमेटी की सहमति एवं जिलाधिकारी के अनुमोदन के उपरान्त जिलास्तर से ही वृद्धाश्रम के देयकों का द्विमासिक भुगतान कराया जाना है।
उक्त के क्रम में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने सात सदस्यीय टीम का गठन करते हुए पुलिस क्षेत्राधिकारी को निर्देशित किया कि क्षेत्रीय महिला व पुलिस कार्मिकों के माध्यम से वृद्धाश्रम छर्रा का माह में कम से कम दो बार अवश्य निरीक्षण कराएं। भुगतान के सम्बन्ध में जिला समाज कल्याण अधिकारी द्वारा प्रस्तुत अभिलेखों पर असहमति व्यक्त करते हुए डीएम ने बैठक से ही कमेटी के सदस्यों को वृद्धाश्रम आज ही वृद्धाश्रम में संवासियों एवं तैनात स्टाफ की वास्तविक संख्या एवं उपस्थिति, प्रदत्त सेवाओं एवं सुविधाओं की गुणवत्ता एवं औसतन व्यय की रिपोर्ट बुधवार तक प्रस्तुत करें। इसके साथ ही उन्होंने सीओ बरला को भी सम्बन्धित थानाध्यक्ष के माध्यम से अपनी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश देते हुए कहा कि निरीक्षण आख्या के उपरान्त ही भुगतान के सम्बन्ध में अगली बैठक आहुत कराई जाए।