उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में गुरुवार को तीसरे राउंड में कोरोना टीकाकरण की शुरुआत की गई। जहां स्वास्थ्य विभाग इसके लिए पूरी तैयारियों के साथ तत्पर दिखा। शाम 5 बजे तक जिले के 2281 लोगों को कोविड-19 टीका से प्रतिरक्षित किया गया। लोग टीका के खिलाफ फैली भ्रांतियों से सजग दिखे व सकारात्मक विचार के साथ स्वास्थ्य कर्मियों ने टीका लगवाया। इसके अलावा कमिश्नर गौरव दयाल, अपर निदेशक डॉ वी.के सिंह और मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ राम किशन की अध्यक्षता में मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल के सीएमएस द्वारा कोविड वैक्सीनेशन का निरीक्षण किया। जिन लोगों को टीका लगाया गया उनसे बातचीत कर टीकाकरण होने के पश्चात के अनुभव के बारे में जानकारी ली।कमिश्नर गौरव दयाल ने कहा कि कोरोना का टीका कोरोना वायरस की इस लड़ाई में सबसे बड़ा हथियार है। जिसका प्रयोग करके कोरोना को हराया जा सकता है। इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ बी.पी सिंह कल्याणी ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिजौली का भी निरीक्षण किया ।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भानु प्रताप सिंह कल्याणी ने बताया कि जनपद में कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन की 13000 डोज जिले को प्राप्त हो चुकी हैं। 22 जनवरी को किए गए टीकाकरण में 1296 लोगों को प्रतिरक्षित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। वैक्सीन के खिलाफ किसी भी प्रकार की भ्रामक बातों से घबराए नहीं। भारत में विकसित वैक्सीन पूरी तरह प्रभावी है। कोल्ड चेन के मानकों को पूर्ण करते हुए यह वैक्सीन जिले में आई है। सीएमओ ने बताया कि टीका लगने के बाद प्रतिरक्षित व्यक्ति को यदि बेचैनी या किसी भी तरह की समस्या होती है तो निकटतम स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम को इसकी सूचना दें। साथ ही टीकाकरण स्थल पर 108 एंबुलेंस सेवा भी उपलब्ध है।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ दुर्गेश कुमार ने बताया कि जिले में 13 केंद्रों पर 28 बूथों में कुल लोगों का टीकाकरण किया जाना था। इस प्रकार कुल 3356 लोगों का टीकाकरण किया जाना था। जिसमें से 2281 (69%) लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाकर प्रतिरक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि प्रतिरक्षित व्यक्ति भी कोरोना के अनुरूप व्यवहारों जैसे मास्क पहनना, हाथ की सफाई और 6 फीट की शारीरिक दूरी बनाए रखने का पालन करें।
सुरक्षित है टीका –
जिला मलखान सिंह चिकित्सालय के आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉक्टर नरेंद्र सिंह ने कहा कि वह अपने आप को भाग्यशाली समझते हैं कि उन्हें कोविड-19 टीकाकरण के दौरान यह टीका लगवाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि यह टीका पूरी तरह सुरक्षित है। सोशल मीडिया पर चल रही भ्रामक जानकारी से बचें व उनसे डरे नहीं। उन्हें टीका लगने के बाद किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत महसूस नहीं हो रही है। अगर किसी को कोई छोटी मोटी दिक्कत होती है तो वह घबराए नहीं। वैक्सीनेशन के बाद वैक्सीन के असर की वजह से हल्का बुखार, जी घबराना, ठंड लगना, आदि हल्की परेशानी होना आम बात है।
मानसिक रोग विभाग की साइकोथैरेपिस्ट डॉ अंशु एस सोम ने अपना वैक्सीनेशन कराया । मैंने इस टीके को लगवाया है लगवाने के बाद कहा जाता है बहुत सारे लोगों को चक्कर आ रहे हैं कमजोरी महसूस होती है, और बीपी अप-डाउन होता है । इस तरिके की किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता है। और वैक्सीनेशन के बाद आधा घंटे के लिए रेस्ट रूम में बैठना पड़ता है । किसी भी व्यक्ति को टीका लगवाने के बाद शारीरिक या मानसिक समस्या का सामना करना पडता है तो उसको इलाज के तौर पर फस्टेट दिया जा सके । उन्होंने कहा सब कुछ एक दम ठीक है । इससे डरने की कोई बात नहीं है। यह वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। मैं उम्मीद करती हूं कि सभी लोग इस वैक्सीनेशन में सरकार का, स्वास्थ्य विभाग का व इस बीमारी से लड़ने वाले योद्धाओं का पूरा सहयोग करें।
डब्ल्यूएचओ की टीम ने भी संभाला मोर्चा मलखान सिंह जिला चिकित्सालय अस्पताल में डब्ल्यूएचओ की टीम की फील्ड मॉनिटर वर्षा नागर सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक की ड्यूटी रही जिसमें पंजीकरण कब से लेकर टीकाकरण और ऑब्जरवेशन कक्ष में लोगों की मदद में जुटी रही ।टीका लगवाने आए हेल्थ वर्करों को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी ना हो इसके लिए वह पूरे समय उनके साथ रही । इस टीकाकरण सत्र के चलते शहरी क्षेत्र की अर्बन पीएचसी घंटा चौक की प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर नाजिया खान और एएनएम लक्ष्मी और संध्या ने इस कोविड वैक्सीनेशन में महत्वपूर्ण योगदान दिया ।
अलीगढ़ से चीफ एडिटर
अजय प्रताप चौहान