उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चीनी सेना से विवाद पर इस बार राखी के त्यौहार रक्षा बंधन पर राखी की मैन मार्किट अब्दुल करीम चौराहा और बड़ा बाजार , दही वाली गली व अन्य बाजार में इस बार मेड इन चाइना की राखी देखने को नही मिली , अब्दुल करीम चौराहे पर दुकान स्वामी जुनैद ने बताया कि जिस प्रकार चीनी सेना ने हमारे भारतीय सेना के जवानों को मारा था। बस घटना ने हर भारतीय का सीना झगजोर कर रख दिया। वही नीचे सड़क के किनारे राखी बेकने वाले एक दुकानदार ने बताया कि भाई बाजार में चाइना की राखी देखने को नही है। सारा माल मेड इन इंडिया का बना है। मैं खुद 1 हजार की राखी लेकर 1100 की बके रहा हूँ। कैसे भी कर रक्षा बंधन का त्योहार तो मनाना है। बड़ा बाजार के प्राचीन राखी के थोक के विक्रेता 45 वर्ष पुरानी दुकान दिनेश वार्ष्णेय राखी वालों ने मीडिया को जानकारी दी। पवन के नाम से में तो इन्डियन राखी ही बेकता हूँ। मगर कोरोना के चलते बाजार पर इसका खासा असर देखने को मिला है। जो दुकानदार पहले 10 हजार की राखी ले जाता था वो अब 6 हजार की राखी ले जा रहा है। वैसे इस बार मार्केट में बॉम्बे , कलकत्ता व अन्य जगह की राखी बाजार में देखने को है। पवन की राखी शुद्ध कलावे के धागे से बनी होती है। जो हिन्दू रीती रिवाज में पवित्र माना जाता है। समर्थ बेंगिल स्टोर मोनू वर्मा से पता चला कि ग्राहक खुद इन्डियन राखी माँगता है। और दुकानदारों से पूछता है। कि कही चाइना वाली राखी तो नही बेके रहे।