कई सासंद, विधायक,आईएएस समेत कई बड़े अफसर और व्यवसायी भी कोरोना वायरस के संकट में
उत्तर प्रदेश लखनऊ में बॉलीवुड गायिका कनिका कपूर में कोरोना वायरस पॉजीटिव मिली है। उनके पॉजीटिव पाए जाने की लखनऊ में हड़कंप मच गया है क्योंकि वह 15 मार्च को लंदन से लखनऊ आई थीं। महानगर के गैलेंट अपार्टमेंट में हुई एक पार्टी में भी शामिल हुई थीं। ताज होटल नकर सैकड़ों से गले लगी, हाथ मिलाया। इतना ही नहीं, लन्दन से आकर वो लखनऊ के अलावा तीन अन्य पार्टियों में भी खूब छींकी। कनिका के पॉजिटिव होने की सूचना के बाद से उनकी पार्टी में शामिल हुए लोग भी दहशत में हैं। लखनऊ के गैलेंट अपार्टमेंट में आयोजित उनकी पार्टी में करीब 1225 लोग शामिल हुए थे। भाजपा के सांसद दुष्यंत सिंह भी इस पार्टी में खूब नाचे-कूदे थे। अब कोरोना की जद में आ कर आइसोलेट कर दिए गए है। कनिका कपूर के पिता ने बताया कि लंदन से आने के बाद कनिका तीन पार्टियों में जा चुकी हैं। इस दौरान वह सैकड़ों लोगों से ज्यादा लोगों से मिलीं। इनमें शजकीन मिजाज पूर्व सांसद अकबर अहमद डम्पी के यहां पार्टी में शामिल हुई थीं। जिसमें भाजपा के कई बड़े नेता,मंत्री व अधिकारी शामिल हुए थे। वह एक बड़े कारोबारी के घर आयोजित पार्टी में भी गई थीं। होटल ताज में भी एक कैबिनेट मंत्री और कई आईएएस अफसर, पेज थ्री सेलिब्रिटी, नेता और मंत्री शामिल हुए थे। दोनों ही पार्टियों में कैटरिंग स्टाफ व होटल स्टाफ को हटाकर 500-700 लोग शामिल हुए। कनिका ने कई लोगों के साथ सेल्फी खिंचवाई और हैंडशेक किया। कनिका के परिवार में छह लोग हैं। उनके परिवार की भी स्क्रीनिंग की जाएगी। कनिका की ओर से दावा किया जा रहा है कि उन्होंने लखनऊ एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग कराई थी उस दौरान उनमें कोरोना वायरस के लक्षण नहीं पाए गए थे। लेकिन उनकी गलती यह रही कि विदेश से लौटने के बाद भी उन्होंने खुद को 14 दिनों तक एकांतवास में नहीं रखा और सार्वजनिक पार्टियों में शामिल होती रहीं। वहीं इसके बाद अब लखनऊ में कोरोना पॉजिटिव लोगों की संख्या पांच हो गई है। शुक्रवार को खुर्रमनगर के तीन और महानगर की एक महिला में कोरोना वायरस पॉजिटिव पाया गया है। संक्रमित मरीजों के घर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची। मरीजों को केजीएमयू ले जाया गया। इसके पहले गुरुवार को दो लोगों की पॉजिटिव रिपोर्ट आई थी। अब शहरवासियों को कोरोना के संक्रमण से बचाव पर और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। आने वाले 15-20 दिन बेहद संवेदनशील हैं। राजधानी ही नहीं प्रदेशभर में मिल रहे कोरोना मरीजों को लेकर चिकित्सा विशेषज्ञों में भी मंथन का दौर चल रहा है। सबका जोर भीड़ रोकने पर है। उनका तर्क है कि जब लोगों का आना-जाना कम होगा तो इस वायरस का फैलाव भी कम हो जाएगा।