अब तक जनपद में बने 2.40 लाख आयुष्मान कार्ड
नीरज जैन की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । आयुष्मान भारत प्रधानमन्त्री जन आरोग्य योजना को गति प्रदान करने के लिए आशा कार्यकर्ता घर -घर जाकर योजना के लाभार्थियों के आयुष्मान (गोल्डन) कार्ड बना रहीं हैं । योजना को पंख देने के लिए जिला स्तर पर आशा कार्यकर्ता, जन सेवा केंद्र और पंचायत सहायकों को लगाया गया है । जिले में अब भी कई ऐसे परिवार हैं, जिनका योजना में नाम है लेकिन उनका आयुष्मान कार्ड नहीं बना है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनींद्र कुमार का ।
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी व नोडल अधिकारी डॉ रंजन गौतम ने बताया कि जनपद में 1,28,003 परिवार आयुष्मान भारत योजना के पात्र लाभार्थी हैं। इनमें से लगभग 92 हज़ार परिवारों में कम से कम एक लाभार्थी का आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। डॉ रंजन ने बताया कि जिले से 7,64,125 लोगों को इस योजना के तहत लिया गया है जिसमें से 2.40 लाख लोगों के कार्ड बनाए जा चुके हैं । इसके अलावा लगभग 8800 लाभार्थियों ने इस योजना के तहत मुफ्त इलाज का लाभ उठाया है ।
इसके लिए लगभग 12.40 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है । उन्होंने बताया कि आशा कार्यकर्ता, पंचायत सहायक और जनसेवा केंद्र के संचालकों को प्रत्येक परिवार में एक कार्ड बनवाने पर पांच रुपए व उसी परिवार के एक से अधिक कार्ड बनवाने पर 10 रुपए प्रोत्साहन राशि दी जा रही है।
आयुष्मान भारत योजना के जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ अमित मिश्रा ने बताया कि योजना के अन्तर्गत आने वाले प्रत्येक परिवार को प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा मुहैया करायी जाती है । उन्होंने बताया कि इस माह अब तक आशा कार्यकर्ताओं द्वारा 7645 लोगों के आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं ।
कुबेरपुर घाट की रहने वाली 75 वर्षीया लौंगश्री का कहना है कि बुढ़ापे के कारण आयुष्मान कार्ड बनवाने नहीं जा पा रही थी आशा कार्यकर्ता ने घर पर ही आकर कार्ड बना दिया है । क्षेत्र कनासी के रहने वाले 63 वर्षीय शिवपाल ने बताया कि खेती के काम से हर दिन सुबह खेत में चला जाता हूं, समय ही नहीं मिलता था कार्ड बनवाने के लिए । आशा कार्यकर्ता घर पर आईं तब जाकर मैंने आयुष्मान कार्ड बनवा लिया है ।
कैसे जानें आपका नाम है या नहीं
· निशुल्क हेल्पलाइन नंबर 180018004444 पर काल करके।
·अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता से भी जानकारी ले सकते हैं।
· जनसेवा केंद्र में जाकर पता कर सकते हैं।
· अस्पतालों में तैनात आरोग्य मित्रों के द्वारा भी जानकारी ले सकते हैं।