अलीगढ़ एक बन्दर की पिछले पैरों से चलने में काफी परेशानी हो रही थी। और घसीट कर चल रहा था। शरीर पर ज़ख़्म भी थे।
वहाँ के एक सज्जन अमित कुमार ने मदद के लिए इधर उधर पूंछा तो किसी ने उन्हें बताया कि बंदर को रेस्क्यू करना आसान नहीं होता है। वह उन्हें देखकर गुरर्हरा रहा था। उन्होंने ने बताया की शहर के वरिष्ठ पशु शल्य चिकित्सक डॉ विराम वार्ष्णेय को बुलाइए वही उसका सही इलाज़ एवं रेस्क्यू कर सकते हैं। वहीं डॉ विराम को बुलाया गया विराम ने उसे केच पोल (Catch pole) की सहायता से उसे काबू में किया । और ज़रूरी इंजेक्शन लगाए गए। उसके शरीर पर ज़ख्म भी थे तो एंटीसेप्टिक स्प्रे से उसके घावों पर स्प्रे किया गया। अब बन्दर जख़्म भी काफी भर गए हैं लेकिन पिछले पैरों से लकवा मार गया है। डॉ विराम के पास कोई भी आवारा पशु लेकर आता है तो उन्होंने कभी मना नहीं किया। अपनी तरफ से जितना भी हो सकता है। उतनी करने की कोशिश करते हैं। बाकि पशु प्रेमी लोगों का सहयोग भी उन्हें मिल जाता है अमित जी उसके खाने का और पीने का इंतज़ाम कर रहे हैं।