उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में लॉकडाउन के चलते भोजन के दुरुपयोग को लेकर प्रताप टुडे न्यूज़ ने जब अलीगढ़ की वरिष्ठ समाजसेवी से खास बातचीत की तो राष्ट्रभक्त वीर वीरांगना संस्था की संस्थापक अध्यक्ष स्नेहा शर्मा ने कहा है़ जिस समय पूरा विश्व कोरोना के संकट से गुजर रहा है़ हजारों लोग़ संक्रमण से मौत के मुँह में जा रहे हैं ऐसे में लोंगों क़ो सुरक्षित रखने के लिये लॉकडाउन ही एक मात्र विकल्प है़ ! लॉक डाउन के दौरान रोज कमाने खाने वालों तथा मजदूर वर्ग के सामने राशन आदि की समस्या उत्पन्न हो गई !ऐसे में अनेक राष्ट्रवादी व सामाजिक संगठन तथा समाजसेवी देव दूत की भाँति जरूरतमंदो की सेवा में रात दिन लगे हुए हैं! किन्तु ये सेवा तभी सार्थक है़ , जब सच्चे अर्थों में खाद्य सामग्री सुपात्र व्यक्ति के हाथों में पहुँच सके ! जो सामाजिक लोग़ अपने तन मन व निजी धन से सेवा कार्य कर रहे हैं उनका फोटो पोस्ट करना इस दृष्टि से उचित कहा जा सकता है़ कि अन्य लोग़ भी इस पुण्य कार्य हेतु प्रेरित होंगे , किन्तु कहीं कहीं देखा जाता है़ फोटो की अंध दौड़ में मेहनत किसी की और एक पैकेट में 15-20 लोग़ हाथ लगाकर कोई कोई तो बिना कुछ करे ही वाहवाही चाहते हैं ! यहाँ तक कि पिछले दिनो सोशियल मीडिया पर ऐसी भी पोस्ट देखी गईं कि जरूरत से अधिक भोजन वितरित होने के कारण राहगीरो ने सड़कों के किनारे फेंक दिया !जिसको एक सामाजिक संस्था के लोंगों ने एकत्रित करके पशुओ हेतु गौशालाओं में भिजवा कर पुण्य कमाया ! और ये भी देखा जाता है़ कि कहीं कहीं जरूरत से अधिक खाद्य सामग्री उन्ही परिवारों क़ो बार बार मिल रही है़ जब कि कोई कोई परिवार भुखमरी की स्थिति में हैं ! अतः कहने का तात्पर्य ये है़ कि सहयोग , सेवा , सहायता तभी सफल है़ जब उसका दुरुपयोग न हो ! अन्यथा सहायता की होड़ कहीं पुण्य की बजाय अनजाने में पाप की ओर न ले जाए! स्नेहा शर्मा ने सभी समाज सेवी रूपी देवदूतों से आग्रह किया है़ कि आप सभी के कार्य बेहद सराहनीय व प्रेरणा योग्य हैं बस अन्न व्यर्थ न हो तथा सुपात्र क़ो ही खाद्य सामग्री की मदद मिले इसका विशेष रूप से ध्यान रखना है़ !