अलीगढ़ नुमाइश प्रशासन स्पष्ट करे की विवादित और भ्रष्ट नुमाइश बाबू पीयूष साराभाई की नियुक्ति अभी तक रदद् क्यों नही करी गयी हैं, नुमाईश प्रशासन ने क्यों गैर संवैधानिक रूप से पीयूष साराभाई को नुमाईश बाबू के पद पर बरकरार रखा है । 17 जनवरी को पीयूष साराभाई ने मेरे साथ नुमाईश अतिथिगृह के अंदर अभद्रता की , जातिसूचक टिप्पणी की और भाजपा के वरिष्ठ नेत्रत्व को अपशब्द कहे । मैं दलित वर्ग से हूँ और लंबे समय से सामाजिक हित में कार्य कर रहा हूँ , मेरा शोषण और नुमाईश बाबू को हटाने की मेरी मांग पर जिस प्रकार से ज़िला प्रशासन पानी फेरने का कार्य कर रहा है वह दुःख का विषय है , 18 जनवरी को बन्ना देवी थाने पर प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन ने 72 घण्टे के अंदर पीयूष के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आश्वासन दिया था जिसे बीते हुए भी कई दिन हो चुके हैं । अभी तक कोई कार्यवाही प्रशासन की तरफ से नही की गई है यदि 48 घंटे के अंदर नुमाईश प्रशासन ने पीयूष साराभाई के ऊपर मुक़दमा दर्ज कर बर्खास्त नहीं किया तो मैं लखनऊ जा कर मुख्यमंत्री कार्यालय के सामने आत्मदाह करने को मजबूर हो जाऊंगा । जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होगी ।जिला प्रशासन पीयूष साराभाई को बचाने का पूरा प्रयास कर रहा है क्योंकि नुमाइश के भृष्ट तंत्र की चाबी पीयूष साराभाई के ही हाथ मे है और भृष्टाचार एवं सरकार विरोधी मानसिकता को पीयूष साराभाई लम्बे समय से बढ़ावा दे रहा है।