अलीगढ़ श्री गंगा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. श्यौराज सिंह ने कहा कि अलीगढ़ से ईको फ्रेंडली मूर्ति निर्माण की जो गूंज उठी है, वह पूरे देश में जाएगी। वे अचल ताल स्थित गणेश मंदिर पर आयोजित ईको फ्रेंडली गणेश प्रतिमा के वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि गंगा में प्लास्टिक की मूर्ति बहाने से जीव-जंतु मर जाते हैं, इसलिए अलीगढ़ से इस अभियान की शुरूआत की गई है। आध्यात्मिक गुरू कौशल जी महाराज ने बताया कि शास्त्रीय पद्धति से बनी इन मूर्तियों से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होगा और जनजागृति आएगी। बाबा बर्फानी भक्त मंडल के संरक्षक एवं कार्यक्रम संयोजक सुरेंद्र शर्मा ने बताया कि गणेश जी की प्रतिमा पर सिंदूर लगाकर पान के पत्ते पर स्थापित करें। यदि जो लोग गंगा में विसर्जित करने न जा पाएं, वे अपनी परात या बाल्टी में विसर्जित कर पानी को गमले में डाल दें। अंत में गणेश मंदिर के महंत विनय गुरू ने इस आयोजन के लिए सभी का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम समाज में जागृति लाते हैं। सामाजिक और धार्मिक संगठनों को इसके लिए आगे आना चाहिए। समाजसेवी राजाराम मित्र ने कार्यक्रम के लिए सभी को शुभकामनाऐं दीं। इस
कार्यक्रम को संपन्न कराने में बाबा बर्फानी भक्त मंडल के मधुकर वार्ष्णेय, गणेश मंदिर के सेवादार अंकुश महेश्वरी, दीपक वार्ष्णेय, संदेश वार्ष्णेय, प्रेरणा अग्रवाल, अरूण आदि का सहयोग रहा अलीगढ़ की ईको फ्रेंडली गणेश की धूम सात समंदर पार भी अलीगढ़ में वैदिक विधान से बनीं गणेश प्रतिमा की खुशबू सात समंदर पार अमेरिका और स्वीडन तक पहुंच गई श्री गंगा सेवा समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ठा. श्यौराज सिंह को फोन कर आग्रह किया कि उनके लिए मूर्तियां सुरक्षित रख लें। सोशल मीडिया पर चली खबरों के बाद डॉ. हरीशंकर उपाध्याय की बेटी श्रीमती मीनू शर्मा ने स्वीडर से फोन पर आग्रह किया कि यहां ईको फ्रेंडली मूर्ति नहीं मिलतीं, मेरे लिए दो मूर्तियां रोक लें। सात सितंबर को अलीगढ़ आउंगी और मूर्ति ले लूंगी। इसी तरह न्यूयॉर्क से भी शुभम गुप्ता का फोन आया कि मैं दीवाली पर आऊंगा और लक्ष्मी जी की ईको फ्रेंडली मूर्ति भी मेरे लिए बनवा दें।