भारत का चौथा स्तंभ कहा जाने वाले पत्रकार जो समाज को आईना दिखाने का कार्य करते हैं और हर उस जरूरतमंद की हक की लड़ाई लड़ते हैं और जिस किसी को भी जब सरकार और प्रशासन कहीं से भी इंसाफ नहीं मिलता है तो वह लाचार और मजबूर इंसान भारत के चौथे स्तंभ पत्रकार का सहारा लेकर इंसाफ की गुहार लगाता है और हमेशा यह आशा करता है कि समाज में अगर किसी भी बुराई से अगर कोई न्याय दिला सकता है और उनके हक की लड़ाई लड़ सकता है तो वह एक पत्रकार है जो उनके हक की लड़ाई लड़ता है और उनकी आवाज को सरकार और प्रशासन में सोए हुए सुस्त लोगों के कानों तक उनकी आवाज को पहुंचाता है और उनकी मदद करता है पर वही दूसरी ओर पत्रकार अपनी सुरक्षा की लड़ाई खुद लड़ता हुआ प्रशासन और सरकार से लड़ता हुआ नजर आता है जहां समाज में पत्रकारों को भगवान नारद मुनि का वंशज माना जाता है समाज के हर अच्छे बुरे कार्यों में जब पत्रकार को याद किया जाता है तो पत्रकार दिन रात एक कर के ना सुबह देखता है ना शाम ना धूप देखता है ना छाव ना बरसात देखता है और ना ही सर्दी बस पत्रकारों के लिए तो वर्ष के सारे मौसम एक समान हैं और हमेशा ही वह समाज के जरूरतमंद की मदद के लिए और उनके किए हुए कार्यों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए दिन रात एक कर देता है पर जब पत्रकार पर मुसीबत आती है तो ना ही समाज खड़ा होता है ना ही प्रशासन और ना ही कोई सरकार आज जहां एन •सी• आर •बी की रिपोर्ट की बात करें तो 2013 से अब तक पत्रकारों के ऊपर करीब 190 मामले सामने आए हैं और एफ आई आर की बात करें तो 67 मामलों में पत्रकारों के ऊपर दर्ज हुए हैं जो कि पूरे तरीके से फर्जी और बेबुनियाद हैं पत्रकार वर्षों से अपनी सुरक्षा और हक की लड़ाई लड़ता हुआ आया है आया है और काफी वर्षों से पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लगातार हर सरकार से करता हुआ आया है पर सरकार है कानून की देवी बन कर बैठा हुआ है ना ही