अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । देहदान कर्तव्य संस्था के अध्यक्ष डॉ एस के गौड़ को हैंडस फॉर हेल्प के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार का उत्तराखंड से फोन आया कि सक्रीय सदस्य उपेंद्र कुमार अग्रवाल की बहन के निधन का निश्चित करने हेतु जाना है । डॉ गौड़ ने तुरन्त वहाँ पहुँच कर मृत्यु सुनिश्चत की। अमित ने पूछा आपकी फीस । डॉ गौड़ ने कहा कि इनके नेत्रदान करा दीजिए।
घर वालों की सहमति पर डॉ गौड़ ने जे एन मैडिकल कॉलेज नेत्र विभाग से मुहम्मद साबिर एस एल ए व रजत सक्सैना को सूचित किया। उन्होंने अविलम्ब टीम भेज मानवीय कदम को अंजाम दिया। इस अवसर पर डॉ गौड़ ने एकत्रित ज़न समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि सुधा अग्रवाल जी ने जाते जाते दो लोगों की जिंदगी रोशन कर दी।
य़ह भी निश्चित है कि उन्हें अगले जन्म में आँखें जरूर मिलेंगी । क्योंकि उन्होंने रूढ़ीवादिता त्याग लीक से हट कर दो लोगों की ज़िंदगी रोशन कर दी है । सचिव डॉ जयंत शर्मा ने कहा कि लोग अब नेत्रदान का अनुसरण करने लगे हैं। इतने अधिक नेत्रदान होना प्रमाण है ।
इस अवसर पर प्रोफेसर ए के अमिताव, प्रोफेसर जिया सिद्दीकी, डॉ मुहम्मद शाकिब, डॉ मिताषा,डॉ निदा, भुवनेश वार्ष्णेय , गौरव, अथर्व अग्रवाल, एडवोकेट अनिल राज गुप्ता, समाज सेवी दिलीप दामोदर वार्ष्णेय आदि सहयोगी बने।