भयमुक्त वातावरण तभी गंभीर होगा जब इस पर सरकार चिंतन करेगीःधर्मेन्द्र राघव
नीरज जैन की रिपोर्ट
अलीगढ़,। दिन – प्रतिदिन पत्रकारों के साथ कुछ न कुछ अनहोनी सुनने को मिल ही जाती है , कहीं किसी पत्रकार को गोली मार दी जाती है तो कहीं हत्या कर दिया जाता है । कहने को तो लोकतंत्र में चौथा स्तम्भ का दर्जा दिया गया है लेकिन इन पर आए दिन हो रही घटनाओं का जिम्मेदार कौन है ? भयमुक्त वातावरण तभी गंभीर होगा जब इस पर सरकार चिंतन करेगी । उक्त बातें राष्ट्रीय पत्रकार महासंघ अलीगढ़ इकाई की बैठक में जिलाध्यक्ष धर्मेन्द्र राघव ने व्यक्त किये ।
प्रदेश अनुशासन समिति के चेयरमैन मुशीर अहमद ने कहा कि पत्रकारों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अपने मौलिक अधिकार का प्रयोग करने के लिए हिंसा और धमकी का सामना करना पड़ रहा है । वे जिन खतरों का सामना कर रहे हैं उनमें हत्या, अपहरण , बंधक बनाना, ऑफ़लाइन और ऑनलाइन उत्पीड़न, डराना , जबरन गायब करना, मनमाना हिरासत और यातना शामिल हैं। आखिर कब तक पत्रकारों को इस प्रकार से डर के रहना होगा । जिला संयोजक अनवर खान ने कहा कि देश में प्रेस स्वतंत्रता पर लगातार बढ़ते दबाव और अत्याचार के खिलाफ विभिन्न मीडिया संगठनों को एक साथ आना होगा और मिलकर ऐसे पत्रकारों को कानूनी मदद देनी होगी जिनका सरकारी तंत्र के दम पर उत्पीड़न किया जा रहा है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि सिर्फ बयान जारी करने और एक साथ आने से कुछ नहीं होगा। उन्होंने कहा कि, “पत्रकारों की मुकदमा लड़ने में मदद करनी होगी क्योंकि बहुत से पत्रकारों के पास कानूनी मदद हासिल करने के लिए धन और साधन नहीं होते और वे अकेले पड़ जाते हैं। बहुत से मामलों में उनके संस्थान भी अनका साथ नहीं देते और अभिव्यक्ति की आजादी के इस उल्लंघन की कीमत पत्रकारों के परिवारों को भुगतना पड़ता है।”
इस विषय में क्या किया जा सकता है, विभिन्न प्रकार के मीडिया, वेबसाइट्स, अखबार, सोशल मीडिया और टीवी को साथ आना चाहिए और पत्रकारों की सुरक्षा और व्यक्तिगत आजादी पर एक साथ आना कोई कठिन काम नहीं है। भले ही किसी का राजनीतिक झुकाव किसी भी तरफ हो, फिर भी ऐसा होना चाहिए। प्रेस पर कई तरह के हमले हो रहे हैं और मीडिया के समाज के लिए खतरे के तौर पर पेश किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सूचनाओं के प्रसार को रोकने की कोशिशें की जा रही हैं। इस बैठक में मुशीर अहमद ,अनवर ख़ान, धर्मेंद्र राघव, रॉकी कुमार, राजेंद्र कुमार, गौरव रावत, पुष्पेंद्र सिंह, मनोज चौहान, अहोराम राजोरिया, मोहम्मद राशिद ,गुड्डू कुमार, दीपक कश्यप, फहरत अली, आदि मौजूद थे।