नीरज जैन की रिपोर्ट
लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी मुखिया मायावती ने गरीबों, पिछड़ों और वंचित समाज को वोट हमारा,राज तुम्हारा की शोषणकारी व्यवस्था से मुक्ति दिलाने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से आगामी लोकसभा चुनाव में दोगुनी मेहनत कर पार्टी का जनाधार बढ़ाने का आह्वान किया है। मायावती ने रविवार को लखनऊ में पार्टी की अखिल भारतीय बैठक में देश के विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ पदाधिकारियों को आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी के बारे में विस्तृत दिशानिर्देश दिया।
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि आंबेडकरवादी पार्टी के रूप में बसपा का प्रयास बहुजन समाज के विभिन्न अंगों को आपसी भाईचारे के आधार पर जोड़कर उनकी राजनीतिक शक्ति बाबा साहब डॉक्टर आंबेडकर की सोच के मुताबिक विकसित करने की है ताकि सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके सभी गरीब व बहुजन समाज के लोग अपना उद्धार स्वयं करने योग्य बन जायें।
मायावती ने पार्टी नेताओं को दिया चुनावी मंत्र
बसपा मुखिया मायावती ने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे जन व देशहित की नीति और सिद्धान्त के बजाय विरोधी पार्टियों की धनबल, लुभावने वादों व छलावेपूर्ण दावों के सहारे राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ का ठीक से सामना करने के लिए दोहरी मेहनत से संगठन की मजबूती व जनाधार को बढ़ाएं ताकि वोट हमारा,राज तुम्हारा की लगातार चली आ रही शोषणकारी व्यवस्था से सर्वसमाज के गरीबों एवं अन्य मेहनतकश बहुजनों को इससे जल्द मुक्ति मिल सके। मायावती ने कहा कि देश के चार राज्यों में अभी हाल में सम्पन्न विधानसभा चुनाव में बहुकोणीय संघर्ष होता दिखने के बावजूद परिणाम बिल्कुल एकतरफा हो जाना एक ऐसा मुद्दा है जो चर्चा का विषय है।
मायावती ने विपक्ष पर साधा निशाना
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि सवाल यह है कि क्या लोकसभा का अगला चुनाव भी इसी प्रकार के छद्म नारों और चुनावी छलावों के आधार पर लड़ा जाएगा और गरीबी, महंगाई व बेरोजगारी आदि ज्वलन्त समस्याओं से त्रस्त जनता बेबस सब कुछ देखती रहेगी या फिर उसका कोई लोकतांत्रिक समाधान भी निकलेगी। मायावती ने कहा कि किसी भी प्रकार से चुनावी चर्चा व मीडिया की सुर्खियों में बने रहने का विरोधी पार्टियों का प्रयास देश में स्वतंत्र व निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करने के लिए उचित नहीं है। इसी का नतीजा है कि सरकार विरोधी लहर के बावजूद चुनाव परिणाम लोगों की अपेक्षा के मुताबिक नहीं होते हैं।
मायावती ने भाजपा पर कसा तंज
बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि अब आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान भी चुनावी माहौल को जातिवादी और साम्प्रदायिक रंग में झोंककर प्रभावित करने का प्रयास किया जायेगा ताकि महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी व पिछड़ेपन से लोगों का ध्यान बांटा जा सके । सवाल यह है कि जनता अपनी मुसीबतों को समझ कर भी अगर अनजान बनी रहे तो क्या उनके परिवार की तकदीर बदल पायेगी।