रोहित सिंह जादौन की रिपोर्ट
अलीगढ़। देहदान कर्त्तव्य संस्था ने डॉ एस के गौड़ की अध्यक्षता में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अलीगढ़ द्वारा अंगदान जागरूकता सभा जो मलखान सिंह अस्पताल के सभागार पर आयोजित हुई, में भाग लिया। इस अवसर पर डॉ गौड़ ने एकत्रित जन समूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि अंगदान के प्रति माननीय प्रधानमंत्री व केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री काफी सजग हैं। संस्था पिछले 5/6 वर्षों से निर्बाध प्रयास रत है।
अभी तक 250 लगभग सदस्य संकल्पित हो चुके हैं, लगभग 54 पार्थिव शरीर के नेत्रदान करा चुकी है। डॉ गौड़ ने नेत्रदान क्यूँ करना चाहिए व कैसे होता है?सरल भाषा में समझाते हुए सभी का आह्वान करते हुए कहा कि यही रास्ता है कि दुनियां से जाते जाते कुछ समाज के लिए हो गया व मरणोपरांत जीवित रह सकते हैं। इंजीनियरिंग योगेश शर्मा ने कहा कि उत्तर भारत में अंगदान काफी कम होता है।
तमिलनाडु व पश्चिम बंगाल में काफी अच्छा प्रयास हो रहा है। तमिलनाडु सरकार तो विचार कर रही है संकल्पित व्यक्ति के घर वाले तैयार ना भी हों तब भी दान हो सके। डॉ ए के शर्मा नेत्र विशेषज्ञ ने कहा कि मोतियाबिन्द वाले भी दान कर सकते हैं।
इस अवसर पर भुवनेश वार्ष्णेय आधुनिक ,सुरेश चन्द्र गर्ग बालाजी, समाजसेवी दामोदर दिलीप वार्ष्णेय, किरण वार्ष्णेय, अजय राणा, एडवोकेट सौरभ अग्रवाल, सुबेदार सिंह राघव, सावित्री देवी, आभा वार्ष्णेय, प्रिन्स प्रताप सिंह आदि सहयोगी बने।