घायल बेसहारा बछड़े का निःशुल्क ईलाज कर चिकित्सक ने निभाया इंसानियत फ़र्ज़,प्रताप टुडे के प्रधान संपादक ने किया डॉक्टर्स को सम्मानित
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । आप सभी ने बुजुर्गों के मुंह से एक कहावत तो जरूर सुनी होगी “जाको राखे साइयां मार सके ना कोई,, और यह कहावत उस वक्त खड़ी उतरती है जब एक लड़के ने किसी की परवाह न करते हुए एक बेजुबान जानवर का जब वो लड़का बना मसीहा । जी हां हम आपको बता दें की थाना बन्नादेवी क्षेत्र के रघबीर पुरी पुलिस चौकी से मात्र 10 कदम की दूरी पर संकल्प अपार्टमेंट के बाहर होली से आठ 10 दिन पूर्व एक गाय का बछड़ा घायल अवस्था में रास्ते पर पढ़ा हुआ था ।
वहां से गुजरने वाले और वहीं पर रहने वाले रिहायशी लोगों ने इस बेजुबान लाचार जानवर को सड़क किनारे घायल अवस्था में तड़पता देख कर भी अनदेखा कर दिया था । छोटू अपने घर के किसी काम से उस जगह से गुजर रहा था तब छोटू ने गाय के बछड़े को इस लाचार अवस्था में देखा जिसे देखकर छोटू पर रहा नहीं गया और उसने उस गाय के बछड़े की मदद करने की ठानी ।
छोटू ने इस पूरे वाकया को अपने शब्दों में बताया कि गाय का बच्चा काफी भूखा प्यासा भी था और उसकी हालत भी काफी नाजुक थी छोटू होली से कुछ दिन पूर्व तक तो अपने परिवार से चोरी चुपके उस गाय के बछड़े को खाना पानी देकर आता था लेकिन होली वाले दिन जब सब लोग होली के त्यौहार को मनाने में व्यस्त थे तब छोटू उस गाय के बछड़े का
ख्याल आया की हम सब लोग अपने परिवार के संग अपने माता-पिता के साथ मिलकर त्यौहार मना रहे हैं खा पी रहे हैं ऐसे में वह बछड़ा भूखा प्यासा होगा तो छोटू ने अपने भाई की गाड़ी को लिया और संग में अपने एक मित्र को साथ लेकर उस गाय के बछड़े को उस जगह से उठाकर अपने घर ले आया जब छोटू गाय के बछड़े को अपने घर लेकर आया तो परिवार के लोगों ने
पहले तो उसको इस कार्य के लिए एतराज किया फिर छोटू की हठ पर सभी परिवार के सदस्य उस गाय के बछड़े को घर में रखने के लिए तैयार हो गए और उस गाय के बछड़े की देखभाल करने लगे और परिवार के सभी लोगों ने खुशी-खुशी उसकी सेवा में योगदान देना चालू कर दिया । छोटू ने होली के बाद प्रताप टुडे न्यूज़ के प्रधान संपादक जो कि
छोटू के पड़ोस में रहते हैं उनसे छोटू ने बातों ही बातों में गाय के बछड़े की हालत का जिक्र करते हुए उन्हें पूरी बात बताई और साथ ही गाय के बछड़े की दयनीय हालत के बारे में गंभीरता से बताते हुए कहा कि भैया किसी गाड़ी वाले के टक्कर मारने के कारण बछड़े के पीछे के दोनों पैरों की हड्डियां टूट चुकी है जिसके कारण गाय का बछड़ा खड़े होने और चलने फिरने में असमर्थ है और उसके घसीट घसीट कर चलने के कारण उसके काफी घाव भी हो चुके हैं
जिसमें काफी पस व कीड़े भी पढ़ चुके हैं क्या आप मुझे किसी डॉक्टर के बारे में बता सकते हैं जो इस गाय के बछड़े का इलाज कर दे। प्रधान संपादक ने छोटू की सारी बात को ध्यानपूर्वक सुनते हुए गाय के बछड़े के इलाज के लिए उसके मदद करने का वायदा किया तत्पश्चात अलीगढ़ शहर के जाने-माने पशु चिकित्सक डॉक्टर विराम वार्ष्णेय से संपर्क कर गाय के बछड़े की सारी स्थिति से अवगत कराया
जिसके पश्चात डॉक्टर विराम वार्ष्णेय ने गाय के बछड़े की सर्जरी निशुल्क करने को कहा और गाय के बछड़े की सर्जरी के लिए सर्जरी में लगने वाले सभी सर्जरी के सामान और दवाइयों की एक लिस्ट बना कर दी जिसको हैंड्स फॉर हेल्प संस्था के अध्यक्ष डॉ सुनील कुमार के माध्यम से गाय के बछड़े की सर्जरी के लिए सभी दवाएं और सर्जरी में लगने वाले सभी सामान को हैंड फॉर हेल्प की तरफ से निशुल्क उपलब्ध कराया गया ।
रविवार को गाय के बछड़े की सर्जरी डॉक्टर विराम वार्ष्णेय ने छोटू के घर पर आकर सःकुशल की । जिसके पश्चात प्रताप टुडे न्यूज़ के संपादक ने इस नेक कार्य के उपलक्ष में सहयोग करने वाले सभी लोगों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित करते हुए सभी का धन्यवाद किया।