अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ – स्पोर्ट्स स्टेडियम में खेल का मैदान से खिलाड़ियों का भावनात्मक रिश्ता होता है । एक खिलाड़ी की मनोवैज्ञानिक आस्था मैदान से जुड़ी होने के कारण वह मैदान को चूमता और माथे से लगाता है ।
उत्तर प्रदेश खेल निदेशालय द्वारा प्रदेश के किसी भी स्टेडियम में खेल के सिवा दूसरे राजनीतिक, सांस्कृतिक या धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन पर प्रतिबंध है । परंतु अलीगढ़ के स्पोर्ट्स स्टेडियम पर यह सब नियम शायद लागू नहीं होता ।
और स्टेडियम से जुड़े खेल अधिकारी आंख बंद कर खेलकूद से हटकर दूसरे कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति प्रदान कर खिलाड़ियों के आस्था के साथ खुला खिलवाड़ कर रहे हैं । उक्त बात जिला ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव मजहर उल कमर ने जिले के मासिक बैठक में खिलाड़ियों एवं खेल संगठनों के बीच कही ।
तथा इसकी लिखित शिकायत मुख्यमंत्री एवं खेल निदेशालय के शिकायत प्रकोष्ठ विभाग से की है । मज़हर ने अपने शिकायती पत्र में लिखा है कि अलीगढ़ का एकमात्र अहिल्याबाई जिला स्पोर्ट्स स्टेडियम की चारदीवारी विगत 2 वर्षों से गिरी पड़ी है जिससे खेल का मैदान चारागाह बना है ।
और रात में असामाजिक तत्वों द्वारा मैदान में आकर गैरकानूनी कार्य करने की सूचना खिलाड़ियों द्वारा समय-समय पर मिलती रहती है । इसी के साथ खेलकूद से हटकर दूसरे कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति खेल विभाग के अधिकारी द्वारा प्रदान कर पूरे खेल के मैदान का सत्यानाश हो रहा है ।
मैदान में छोटे-छोटे गड्ढे की वजह से खिलाड़ी चोटिल हो रहे हैं और उसका असर उनके परफारमेंस पर पड़ रहा है । जिला स्तर के खेल विभाग का कोई अधिकारी ना तो शिकायत सुनने वाला है और ना ही मैदान के सुंदरीकरण एवं सुविधा के लिए उत्सुक है ।
मजहर ने जिलाधिकारी से मांग की है कि वह खेल प्रोत्साहन समिति के प्रोत्साहन राशि से स्टेडियम की टूटी बाउंड्री को बनवाने तथा खेल के अतिरिक्त दूसरे कार्यक्रम के आयोजन पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारी को निर्देशित करें । जिससे अभ्यास के समय खिलाड़ियों को चोट लगने से बचाया जा सके।