स्वतंत्र सिंह भुल्लर की रिपोर्ट
नई दिल्ली। हिंदू धर्म से किसी भी कारण से गए बंधुओं को वापिस हिंदू धर्म में लाने के लिए ही विश्व हिंदू परिषद की स्थापना 1964 में हुई थी।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने ये उदगार झंडेवाला देवी मंदिर में एवं पंजाबी बाग में उद्योगपतियों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने सभी से दुर्गा सप्तशती का पाठ हिंदी में पढ़ने का आग्रह किया।
उन्होंने बताया कि जैसे सभी देवताओं की सम्मिलित शक्ति से देवी का प्रादुर्भाव हुआ था, वैसे ही समाज की सम्मिलित शक्ति से ही भारत पुनः विश्वगुरु बनेगा। क्षेत्रीय संगठन मंत्री मुकेश खांडेकर ने विश्व हिंदू परिषद के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए सज्जन शक्ति को एकजुट होने के लिए कहा।
प्रांत अध्यक्ष कपिल खन्ना ने विश्व हिंदू परिषद दिल्ली द्वारा कोरोना काल में तथा उसके बाद किए गए सेवा कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने बताया विश्व हिंदू परिषद दिल्ली हिंदू समाज के सर्वांगीण विकास के लिए कटिबद्ध है। हिंदू समाज के सभी बंधु चाहे वो किसी भी जाति बिरादरी के हों, उनमें एकात्म भाव जगाते हुए सामूहिक शक्ति से ही भारत विश्वगुरु बनेगा।
उन्होंने कहा इसी निमित्त विश्व हिंदू परिषद द्वारा हिंदू नववर्ष के उपलक्ष्य में दीदी माँ ऋतंभरा जी की राम कथा का आयोजन नरेला में 15 मार्च से 22 मार्च तक किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद दिल्ली द्वारा अब 4 वेद विद्यालय चलाए जा रहे हैं। इनमे श्री हनुमान संस्कृत महाविद्यालय सबसे प्राचीन है जो पिछले लगभग 40 वर्षों से भी अधिक समय से चल रहा है और रविन्द्र गुप्ता जी इस वेद विद्यालय की समिति के अध्यक्ष के नाते कार्य कर रहे हैं।
इस सुअवसर पर प्रांत उपाध्यक्ष सेठ रामनिवास गुप्ता, मंत्री सुरेंद्र गुप्ता, सह मंत्री अशोक गुप्ता, कोषाध्यक्ष सुनील सूरी, सह प्रचार प्रसार प्रमुख सुमीत अलघ सहित संघ के विभाग संघचालक डा अनिल अग्रवाल तथा विहिप विभाग अध्यक्ष राकेश गोयल उपस्थित रहे।