16 साल पहले हुई थी माता – पिता और नाना की हत्या।
संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । 16 साल पहले अनाथ हुई रश्मि को जिलाधिकारी ने गोद लिया था। शुक्रवार को धूमधाम से डीएम ने बेटी का विवाह संपन्न कराया। इस दौरान बेटी को आशीर्वाद के साथ गिफ्ट भी दिये। 18 साल के होने के बाद रश्मि का विवाह जिलाधिकारी के हाथों द्वारा सम्पन्न कराया गया। जब रश्मि 2 साल की थी, तब उसके माता-पिता और नाना की हत्या कर दी गई थी। तब जमीन जायदाद को लेकर रश्मि की जान को खतरा था। रश्मि के पास 52 बीघा जमीन थी।
जिसके वारिस और संरक्षक जिलाधिकारी बने थे और बेटी रश्मि को भी गोद लिया था। रश्मि के लालन-पालन के लिए जिलाधिकारी की ओर से खर्च निर्धारित किया गया था, हालांकि रश्मि को पड़ोस की ही हेमलता ने पाला। हेमलता ने बताया कि 16 साल पहले गंगीरी के दतावली में रश्मि के माता-पिता और नाना की हत्या हो गई थी।
पूरे खानदान में कोई नहीं था और जमीन जायदाद को हड़पने के लिए लोगो की नजर लगी थी। वहीं, नाबालिग रश्मि के वारिस के रूप में जिलाधिकारी सामने आए और गोद लेकर संरक्षण दिया। वहीं, 18 साल की होने पर रश्मि का विवाह हरदुआगंज के रुकमणी गेस्ट हाउस में संपन्न कराया गया। रश्मि का विवाह अतरौली तहसील के बड़ौली गांव के रहने वाले अभय राज सिंह से कराया गया। इस दौरान करीब डेढ़ सौ जोड़ों का मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत शादी संपन्न कराई गई।
शादी को लेकर रश्मि खुश है। रश्मि ने बताया कि 16 साल पहले बहुत छोटी थी। इसलिए कुछ याद नहीं है। रश्मि ने बताया कि जिलाधिकारी हमारे बारिस हैं और देखभाल की और आशीर्वाद के साथ उपहार भी दिया है।
वहीं, रश्मि के दूल्हे अभय ने बताया कि जिलाधिकारी के दिशा निर्देश में शादी हो रही है। अभय ने बताया कि एक शादी समारोह में रश्मि से मुलाकात हुई थी. जिसके बाद शादी तय हुई। हालांकि दूल्हे ने बताया कि मुझे रश्मि के परिवार के बारे में पता है और दहेज नहीं चाहिए।
जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि रश्मि के मां-बाप की मौत बचपन में ही हो गई थी। जिससे निराश्रित हो गई थी। आज 18 साल हो जाने के बाद विवाह संपन्न किया गया है। जिलाधिकारी ने बताया कि जब रश्मि नाबालिग थी। उस समय कोई लीगल वारिस नहीं था।
इसलिए जिलाधिकारी को सारी संपत्ति का संरक्षक बनाया गया था। अब 18 साल होने के बाद जमीन जायदाद में रश्मि का नाम अंकित करआऊंगा, लेकिन संरक्षक होने के नाते मेरी जिम्मेदारी थी कि जीवन के महत्वपूर्ण आयाम का साक्षी बनूँ जीवनसाथी के रूप में एक लड़का मिला है और यह प्रेम विवाह है। वहीं, जिलाधिकारी ने वर-वधू को आशीर्वाद दिया।