संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । बारहसैनी कॉलेज सोसायटी के अंतर्गत चल रहे श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय के चुनाव में आज समन्वय की सारी कोशिशें बेकार होती नजर आ रही है । एक तरफ जहां शुरू से ही इस चुनाव में सभी ग्रुप की ओर से समन्वय की बात कही जा रही थी । गुरुवार के दिन बहुत ही उहापोह की स्थिति रही और समन्वय नहीं हो पाया । जहां एक और समन्वयक के रूप में नामित इंजी0 दिनेश चंद वार्ष्णेय की टीम ने समन्वय की वार्ता रखी वहीं दूसरी ओर एक ग्रुप ने उस समन्वय की व्यवस्था को ही पूरा ध्वस्त कर दिया। विदित रहे बारहसैनी कॉलेज सोसाइटी अलीगढ़ के अंतर्गत चल रहे श्री वार्ष्णेय महाविद्यालय का चुनाव 22 दिसंबर 2022 को होना निश्चित हुआ है । 4 दिसंबर को हुई जन परिषद की बैठक में तत्कालीन अध्यक्ष डॉ पी कुमार ने इंजी दिनेश चंद्र वार्ष्णेय को समन्वय कराने की दृष्टि से नामित किया और उनको यह अधिकार दिया कि वह सभी प्रत्याशियों में आपस में समन्वय करा कर एक टीम की घोषणा करें ।
उसी को देखते हुए सभी प्रत्याशियों ने समन्वय के लिए सकारात्मक रुख अपनाया । नामांकन होने के बाद 15 दिसंबर 2022 को समन्वय समिति के तत्वाधान में आपस में सामंजस्य बिठाने की वार्ता कई दौर में चली , लेकिन वह संबंध में वार्ता परवान ना चढ़ सकी । और तरह-तरह के आरोप लगने लगे एक ग्रुप ने जाकर चुनाव अधिकारी पर जबरदस्त दबाव बनाते हुए चुनाव प्रक्रिया को ही बाधित कर दिया ।
आनन-फानन में मुख्य समन्वयक इंजी दिनेश चंद्र वार्ष्णेय ने जयशंकर धर्मशाला पर एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया । और उसमें अपना पक्ष रखते हुए बताया कि सभी 82 प्रत्याशियों ने समन्वय समिति के सामने उपस्थिति दर्ज कराई ।
जिसमें सभी सदस्यों ने लिखित रूप से व कुछ सदस्यों ने मौखिक रूप से सर्वसम्मति से कार्यकारी गठन का अधिकार समन्वय समिति को पुनः दे दिया । 9 सदस्यीय समन्वय समिति ने तुरंत बैठक आयोजित कर समस्त प्रत्याशियों का विवरण प्राप्त किया तथा उसके उपरांत 21 सदस्यीय कार्यसमिति का चयन किया जिस पर समन्वय समिति के 2 सदस्य सुशील वार्ष्णेय आर सी लॉक्स और अजय नंदन नंदन संतुष्ट नहीं थे । जबकि सभी प्रत्याशियों ने अपने नाम वापसी फॉर्म समन्वय समिति को उपलब्ध करा दिए । समन्वय समिति के सदस्यों के बहुमत के आधार पर 21 सदस्यीय कार्यकारिणी का निर्विरोध चयन किया । साथ ही समन्वय समिति ने उपरोक्त नाम वापसी फॉर्म चुनाव अधिकारी के समक्ष निर्धारित समय के अंदर उपलब्ध करा दिए ।
चुनाव अधिकारी ने एक-एक करके चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों को बुलाया तथा उनकी जमा की हुई धनराशि को वापस कर प्रविष्टि प्रारंभ की । नामांकन वापसी की प्रक्रिया पूर्ण होने के उपरांत सुशील कुमार एवं अजय नंदन ने व्यवधान उत्पन्न कर नामांकन वापसी की प्रक्रिया में रुकावट पैदा कर नाम वापसी नहीं होने दिए । चुनाव अधिकारी पर नाजायज दबाव बनाकर बकाया 18 फार्म के प्रत्याशी सदस्यों को अंदर नहीं जाने दिया और नामांकन वापसी की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न की है , और संपूर्ण चुनाव प्रक्रिया को बाधित कर दिया । इस प्रकार से समन्वय की सारी प्रक्रिया ही ध्वस्त हो गई । अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे पूर्व सेक्रेटरी सी ए अतुल गुप्ता ने भी इस चुनाव प्रक्रिया को बाधित करने वाले तत्वों की निंदा की है एवं चुनाव अधिकारी से मांग की है कि वह इस चुनाव प्रक्रिया को सही रूप से निर्विवाद रूप से संपन्न कराएं ।