सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों एवं एचडब्लूसी पर होगी बलगम की जांच
संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । शासन के निर्देश पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत अब हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस के आयोजन की तैयारियां की जा चुकी हैं। गुरुवार को सभी सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर बलगम की जांच की जाएगी। स्वास्थ्य कर्मी क्षय उन्मूलन रोग के प्रति टीबी मरीजों को जागरूक भी करेंगें। इसके साथ ही नियत दिवस के अवसर पर जिला चिकित्सालय में 50, महिला चिकित्सालय में 50 एवं डीडीयू अस्पताल में 20 एवं सीएमओ ने गोद लिए 10, जिला क्षय रोग अधिकारी ने 10 एवं जिलाधिकारी ने 05 गोद लिए टीबी मरीजों को सामग्री भी वितरित की जाएगी।
इसके अलावा मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रत्येक माह की 16 तारीख को निक्षय दिवस की समीक्षा करके अगले दिन 17 तारीख को जिलाधिकारी को प्रगति रिपोर्ट से अवगत करवाया जाएगा।
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी बताया कि निक्षय दिवस का आयोजन सभी चिकित्सा इकाइयों और हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर किया जाएगा। इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने सभी जिलाधिकारियों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने कहा कि निक्षय दिवस पर क्षय रोगियों की जल्दी पहचान, गुणवत्तापूर्ण उपचार और क्षय रोगियों के लिए चल रही सरकारी योजनाओं के प्रति जागरूकता के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन का उद्देश्य क्षय उन्मूलन रोग के बारे में जन जागरूकता और मॉनिटरिंग बढ़ाना है, ताकि क्षय रोगियों की पहचान और उपचार जल्द ही हो सके। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी प्रक्रिया के लिए आशा और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों का संवेदीकरण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि निक्षय दिवस पर ओपीडी में आने वाले रोगियों की भी टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी और मिलते-जुलते लक्षण वाले कम से कम 10 प्रतिशत रोगियों की टीबी जांच कराई जाएगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी (डीटीओ) डॉ. अनुपम भास्कर ने बताया कि क्षय रोग (टीबी) एक प्रमुख सामाजिक समस्या है। उन्होंने कहा कि क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2025 तक जिले में 15000 टीबी का उन्मूलन करने का लक्ष्य रखा गया है। उक्त उन्मूलन को प्राप्त करने के लिए सभी चिकित्सा स्वास्थ्य इकाइयों एवं हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर (एचडब्लूसी) पर सामूहिक प्रक्रिया किये जाने की आवश्यकता है।
डीटीओ ने बताया कि क्षय रोगियों को लगातार दवा खानी होती है। बीच में दवा खाना नही छोड़ना चाहिए यह बहुत ही खतरनाक स्थिति हो जाती है। चिकित्सक की सलाह से नियमित और पूरा उपचार करें। उन्होंने कहा कि 15 दिन से ज्यादा खांसी रहने पर जांच अवश्य कराएं, इसके अतिरिक्त ऐसे समस्त क्षय रोगी जिनके बैंक खाते, छुटी हुई बलगम जांच, आदि को निक्षय दिवस के अवसर पर प्रत्येक माह की 15 तारीख को युद्ध स्तर पर संबंधित सीएचओ और आशा की मदद से करवाया जाएगा।
उप जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. इमरान सिद्दीकी ने कहा कि जिले के समस्त ब्लाक सीएचसी व पीएचसी और चिकित्सालयों एवं आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर निक्षय दिवस के रूप में मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिले में इस समय 15,000 टीबी मरीजों को खोजने का लक्ष्य मिला है, जनवरी 2022 से अब तक कुल 14,380 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। अभी तक निक्षय पोषण योजना में 8,020 क्षय रोगियों को 1 करोड़ 87 लाख 43 हजार 500 रुपये का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
– क्या होता है क्षय रोग:
जिला कार्यक्रम समन्वयक सतेन्द्र कुमार ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं।