जनपद में 1200 टीबी के मरीजों को गोद लिया जा चुका है
अनुज जैन की रिपोर्ट
अमरोहा । क्षय रोग विभाग जनपद में लगातार टीबी संवेदीकरण अभियान चला रहा है। इसी क्रम में क्षय रोग विभाग के जिला कार्यक्रम समन्वयक राजू यादव और पीपीएम अजय कुमार ने जिले के ग्राम डिडौली में घर-घर जाकर के टीबी रोग के प्रति लोगों को जागरूक किया।
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. मुमताज अंसारी ने बताया कि क्षय रोग विभाग की टीम ने जांच व उपचार संबंधी निःशुल्क सेवाओं के बारे में घर घर जाकर जागरूक किया। उन्होंने बताया कि टीबी लाइलाज बीमारी नहीं है।
बीमारी को छुपाने से संक्रमण अन्य लोगों में भी फैलता है, इसलिए इसकी जांच और उपचार पूरी तरह निःशुल्क है। घबराएं नहीं, अपना इलाज करवाएं। निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत समस्त चिन्हित एवं उपचारित क्षय रोगियों को 500 रुपए न्यूट्रिशन सपोर्ट के लिए प्रति माह का भुगतान डीबीटी के माध्यम से बैंक खाते में किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लगातार दो हफ्ते तक खांसी आना, खांसी के साथ साथ खून का आना, छाती में दर्द होना, वजन कम होना, शाम को बुखार आना, रात में पसीना आना जैसे लक्षण होने पर मरीज को तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए। टीबी रोग की जांच एवं उपचार सभी सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत बनाने का सपना देखा है। टीबी के इलाज में पिछले कुछ वर्षों से बहुत प्रगति हुई है।
उन्होंने बताया कि पहले बड़ी टीबी या एमडीआर टीबी के इलाज में दो साल तक का समय लग जाता था, लेकिन अब नई दवाओं के आने से एक साल से कम समय में मरीज का इलाज हो जाता है। पिछले कुछ वर्षों में एमडीआर टीबी के रोगियों को सुई लगने वाले इलाज से मुक्ति मिली है।
जनपद में जनवरी माह 2022 से अब तक सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 2148 टीबी के मरीज चिन्हित किए गए और 626 टीबी मरीज प्राइवेट अस्पतालों में किए गए इस समय जनपद में 2774 टीबी के मरीज हैं। 700 टीबी के मरीजों को गोद लेने का लक्ष्य मिला था जिसमें से 1200 टीबी के मरीजों को गोद 120 निक्षय मित्रों ने लिया है।