व्यक्तिगत रूचि लेकर बच्चों को करती है जागरूक – भगवान देवी
संजय सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । जिले में एक ऐसी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है जिसने अपने क्षेत्र में कुपोषण में कमी लाने के लिए जी-जान से मेहनत की है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भगवान देवी बताती हैं कि पहले उनके क्षेत्र में काफी अधिक संख्या में कुपोषण का शिकार थे, जिसका कारण लोगों का पोषण को लेकर जागरूक न होना था। लेकिन आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भगवान देवी की मेहनत रंग लाई ।
भगवान देवी पिछले 15 साल से यानि सितम्बर 2007 से आईसीडीएस विभाग से जुड़ी हुई है। वह वर्ष 2007 से आंगनबाड़ी कार्यकत्री के पद पर कार्यरत हैं। शहरी क्षेत्र किशनपुर आंगनबाड़ी केंद्र की आंगनबाड़ी कार्यकत्री भगवान देवी बताती हैं कि हर साल पांच से छह बच्चे कुपोषित व अति कुपोषित खोजने का कार्य करती है। गत वर्ष भी ऐसे पांच बच्चे पंजीकृत किए गए।
जिनमें तीन बच्चे अल्प कुपोषित हैं, और एक बच्चा स्वस्थ हो चुका है, लेकिन अभी एक बच्चा ऐसा भी है जो जन्म के बाद अति कुपोषित पाया गया। जिसको एनआरसी में 14 दिन भर्ती कराया। इस दौरान बच्चे का वजन 1 किलो 500 ग्राम था। लेकिन समय रहते बच्चे की देखभाल की गई।
-किशनपुर भर्ती कॉलोनी निवासी 4 माह की बच्ची गीतिका के पिता उमेश कुमार ने बताया कि गीतिका का जन्म जुलाई माह में हुआ था। वह काफी कमजोर थी और उसका तालु में भी छेद था। इसके बाद गीतिका के पिता ने आंगनबाड़ी कार्यकत्री भगवान देवी से बातचीत कर बच्चे का उपचार कराया। उपचार के दौरान बच्चा अति कुपोषित पाया गया।
इस दौरान बच्चे की काफी हालत नाजुक थी। मेडिकल कॉलेज के एनआरसी में 14 दिन के लिए बच्चे को भर्ती कराया गया। गीतिका के पिता उमेश कुमार ने बताया कि भगवान देवी ने हमारे बच्चे के लिए काफी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने काफी भागदौड़ की जिसकी वजह से बच्चे का सही समय पर निःशुल्क इलाज किया गया। वह अब बिल्कुल स्वस्थ है। लेकिन डॉक्टर ने एक साल के बाद ऑपरेशन के लिए बताया।
भगवान देवी का कहना है कि समय-समय पर गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ बच्चों और किशोर बालिकाओं को भी प्रतिमाह राशन भी वितरित किया जाता है। उन्होंने बताया कि धात्री महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान के अलावा ठोस आहार भी देती हैं। बच्चे के लिए जरूरी मात्रा में विटामिन और मिनरल्स के साथ-साथ प्रोटीन, फैट्स, आयरन और कार्बोहाइड्रेट की पूर्ति होना जरूरी है। उन्हें मुख्य आहार के बीच ड्राई फ्रूट्स या कच्ची सब्जियां, दही और ब्रेड स्टिक खाने को दें।
सीडीपीओ आशीष कुमार ने बताया कि भगवान देवी आंगनबाड़ी केंद्र पर सभी को सही पोषण की जानकारी देती हैं। घर-घर जाकर महिलाओं को स्तनपान के प्रति प्रेरित करना और बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए उन्हें सलाह देती हैं। ताकि कोई बच्चा बीमार न हो। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों पर समय-समय पर बच्चों की मानिटरिग की जाती है।
शहरी क्षेत्र में सितम्बर माह की रिपोर्ट के मुताबिक 36,120 बच्चों का वजन और मध्यम 1,648 कुपोषित (मैम) श्रेणी, 350 बच्चे गंभीर कुपोषित (सैम) श्रेणी में चिह्नित किए गए हैं। साथ ही उनकी देखभाल के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर जाकर जानकारी दे रही हैं। उनका कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भगवान देवी ने एक बच्चा अति कुपोषित बच्चों को पोषण पुनर्वास केंद्र यानी मेडिकल कॉलेज के (एनआरसी) में भर्ती कराया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में घरों में जाकर पौष्टिक आहार के संदर्भ में जानकारी दें रही हैं। साथ ही बच्चों की काउंसलिंग भी कर रही है। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की ओर से आंगनबाड़ी केन्द्रों पर सही तरीके से बच्चों की देखभाल के लिए आंगनवाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती व धात्री महिलाओं को पोषण संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी एवं बच्चों को पोषाहार उपलब्ध कराती है। महिलाओं के साथ समय बिताकर उन्हें पोषण के बारे में जागरूक भी करती हैं।