– भवनों की स्थिति देख आवंटियों की आंखों से निकल रहे आंसू
ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी की रिपोर्ट
वृन्दावन। मथुरा वृन्दावन विकास प्राधिकरण की महत्वाकांशी योजना इस विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी की भेंट चढ़ गई। धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से रुकमणि विहार आवासीय योजना को विकसित किया गया था, लेकिन बसावट होने से पहले ही भवन गिरासू हालत में पहुंच गए। दीवारों को हाथ लगाओ को प्लास्टर झड़ने लगता है। छतों से सीमेंट छूट गया।
ईंटें तक झड़ गईं। आवंटी अपने भवनों की स्थिति देखकर नौ-नौ आंसू रो रहे हैं। उनकी जिंदगी भर की कमाई पर एमवीडीए ने एक तरह से डाका डाल दिया है। यह आवंटियों की भावना है। वे समझ नहीं पा रहे कि अपनी फरियाद किससे करें, कौन उन्हें न्याय दिलाएगा?
आगरा दिल्ली मार्ग पर (एनएच-दो) पर छटीकरा से वृन्दावन जाने वाले मार्ग पर रुकमणि विभाग आवासीय योजना विकसित की गई थी।
शानदार निजी ईमारतों के बीच मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण ने भी वन- बीएचके भवन बनाए थे। लेकिन एमवीडीए द्वारा निर्मित भवन कोड़ में खाज की तरह प्रतीत होते हैं। भवनों की स्थिति अभी से ही बेहद खराब हो गई। आवंटी किस तरह यहां आकर रहें, उन्हें समझ ही नहीं आता। भवनों को देखकर लगता है कि रेत मिट्टी से ही चिनाई कर दी गईं। पीलीं झड़ती हुईं ईंटें आवंटियों के साथ हुई धोखाधड़ी की कहानी को कह रही हैं।
ऐसा नहीं है कि यह स्थिति हाल ही में हो गई हो, आवासों के निर्माण के साथ ही अव्यवस्थाएं हावी हो गई थीं। भवन बनते ही गिरासू हाल में पहुंच गए। आवंटी तेजपाल सिंह वर्ष 2016 से ही कालोनी के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। वे दर्जनों बार विकास प्राधिकरण के जिम्मेदार अफसरों से कालोनी के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार की शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन किसी के कानों पर जूं नहीं रैंग रही।
एक अन्य आवंटी संजीव कुमार तो इतने परेशान हैं कि उन्होंने सूचनाधिकार के अंतर्गत आरटीआई डालकर एमवीडीए से पूछा है कि वे अपना भवन सरेंडर करना चाहते हैं, एमवीडीए उन्हें कितनी कीमत लौटाएगा? उन्होंने एमवीडीए से आरटीआई के तहत रुकमणि विहार योजना से जुड़े तमाम सवाल पूछे हैं।
आवंटी निर्दोष गुप्ता, यश, महावीर सिंह, एके उपाध्याय आदि भी दर्जनों बार शिकायतें कर चुके हैं, लेकिन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। आवंटियों की मांग है कि विभागीय भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए। खराब गुणवत्ता के लिए कौन अधिकारी दोषी हैं, उन्हें चिन्हित करके उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। आवंटी कालोनी के भवनों के पुन:निर्माण की मांग उठा रहे हैं।