ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी की रिपोर्ट
मथुरा। सौंख कस्बा में आयोजित रामलीला में सोमवार को श्रीराम-हनुमान अलौकिक मिलन, सग्रीव मित्रता, बाली बंध लीला का मंचन किया गया। रामलीला में प्रभु श्रीराम व लक्ष्मण माता सीता की खोज में वन-वन भटक रहे थे। माता सीता की खोज करते हुए प्रभु श्रीराम शबरी आश्रम पहुंचे। यहां श्रीराम ने शबरी के झूठे बैर खाकर भगवान और भक्त के निःस्वार्थ प्रेम को दर्शाया। भगवान राम ने शबरी को नवधा भक्ति बताते हुए सीता की सुध पूछी।
शबरी ने बताया कि आगे ऋष्य्मूक पर्वत पर सुग्रीव मिलेंगे। वे माता सीता की खोज में आपकी मदद करेंगे। इस दौरान दर्शकों को श्रीराम व हनुमान के अलौकिक मिलन देखने को मिला। सुग्रीव अपने बड़े भाई बाली के डर से ऋष्य्मूक पर्वत पर अपने विश्वसनीय मित्रों के साथ रहते हैं। हनुमान जी ने सुग्रीव के बारे में बताते हुए कहा कि सुग्रीव अपने भाई बाली से बहुत परेशान हैं। बाली ने सुग्रीव का धन-स्त्री आदि सब कुछ छीन लिया। धन-स्त्री के हरण होने पर सुग्रीव दुखी होकर चार मंत्रियों के साथ ऋष्यमूक पर्वत पर रहने लगे हैं।
हनुमान श्रीराम-लक्ष्मण को आदरपूर्वक सुग्रीव के पास ले गए और अग्नि के साक्षित्व में उनकी मित्रता कराई। भगवान ने सुग्रीव को आश्वस्त किया कि उनके दुखों का जल्दी अंत होगा। भगवान श्रीराम ने बाली का एक ही बाण में वध कर दिया। बाली के मरने के बाद प्रभु श्रीराम ने सुग्रीव को किष्किंधा का राजा बना दिया। आरती एयरफोर्स के जवान अजय सिंह व वीरपाल चौधरी ने संयुक्त रूप से की।