ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी की रिपोर्ट
वृन्दावन। रुक्मणि विहार, सैक्टर – 1 स्थित भक्ति धाम में भक्ति धाम वैलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट का पांचवां स्थापना दिवस समारोह अत्यंत हर्षोल्लास व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।
जिसमें 100 से भी अधिक दिव्यांग बालकों को व्हीलचेयर, वॉकर, स्टडीटेबल, टॉयलेट सीट एवं खाद्यान्न सामग्री आदि का निःशुल्क वितरण किया गया।
स्थापना दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में पधारे मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के डिप्टी मेयर पंडित राधाकृष्ण पाठक ने कहा कि भक्ति धाम वैलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा जो सेवा कार्य किए जा रहे हैं,वे अति प्रशंसनीय हैं। ऐसे कार्यों से लोगों को प्रेरणा लेनी चाहिए।
ट्रस्ट के अध्यक्ष के.एल. बंसल व सचिव संदीप कुमार सिंघला ने कहा कि हमारे ट्रस्ट के द्वारा श्रीधाम वृन्दावन के अलावा ब्रज के अन्य स्थानों पर भी अनेक सेवा कार्य किए जा रहे हैं। दीन दुखियों, विकलांगों, निर्धनों, निराश्रितों, असहायों आदि की सेवा करना ही हमारे ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित हुए वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि नर सेवा ही नारायण सेवा हुआ करती है।
यदि यह श्रीधाम वृन्दावन में की जाय तो वो शतगुणा पुण्यदायी होती है। ऐसे सेवा कार्यों से प्रभु भी अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। भक्ति धाम वैलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष व सी.बी.आई. के पूर्व उच्चाधिकारी के. एल. बंसल अत्यंत सेवा भावी व्यक्ति हैं।
मैं इनकी एवं इनके ट्रस्ट की उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करता हूं। पर्किंस इंडिया (मुंबई) की चेयरमैन सम्पदा शेवडे व श्रॉफ आई केयर इंस्टीट्यूट के प्रशासक कैप्टन राजीव मिश्रा ने कहा कि भक्ति धाम वैलफेयर एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के सहयोग से दिव्यांग बालकों को उनसे सम्बन्धित जो उपकरण व अन्य सामग्री नि:शुल्क वितरित की गई है।
वह समाजसेवा के क्षेत्र में अत्यंत सराहनीय कार्य है।इसके लिए हम इस ट्रस्ट एवं उसके सभी पदाधिकारियों के अत्यंत आभारी हैं।
इस अवसर पर एडवोकेट मदन मोहन अग्रवाल,अशोक बंसल, युवा साहित्यकार डॉ राधाकांत शर्मा, रॉबिन बंसल, रामशरण गुप्ता,सुभाष सिंघला, पर्किंस इंडिया के प्रोजैक्ट हैड संगीता लवानियां,प्रमुख समाजसेवी सुरेश चंद्र जोशी आदि के अलावा विभिन्न क्षेत्रों के तमाम गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। संचालन ट्रस्ट के अध्यक्ष के.एल. बंसल व संदीप सिंघला ने संयुक्त रूप से किया।