अनुराग पांडेय की रिपोर्ट
अयोध्या। अयोध्या से गहरा नाता रखने वाले पुरातत्वविद और राम मंदिर का सबूत खोजकर सामने लाने वाले ब्रजवासी लाल का 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। शनिवार की सुबह 8.40 बजे इन्होंने अंतिम सांस ली। इनकी मृत्यु पर प्रधान मंत्री सहित हिंदुत्व वादी राम मंदिर समर्थक रहे लोगो ने गहरा शोक ब्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की है।
बीबी लाल के रूप में विख्यात रहे एएसआई के सबसे कम उम्र के महानिदेशकों में से एक रहे पुरातत्वविद श्री लाल 1968 से 1972 तक पद पर रहे और राम मंदिर बावरी मस्जिद विवाद में हुए पुरातात्विक खोज में शामिल रहे इनकी खोज को सबूत के रूप में माना गया। पीएम मोदी ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कहा बीबी लाल एक महान व्यक्ति थे। संस्कृति और पुरातत्व में उनका योगदान अद्वितीय है।
उनके निधन से दुखी हूं। मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और दोस्तों के साथ है केंद्रीय संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि देश ने एक प्रतिभाशाली व्यक्ति को खो दिया है। उन्होंने कहा कि लाल ने चार दशकों से अधिक समय तक भारत के पुरातत्व उत्खनन एवं प्रयासों और पुरातत्वविदों को प्रशिक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण मुख्यालय ने अपने शौक सम्बेदना में एक ट्वीट में कहा, पुरातत्व के क्षेत्र में पद्म विभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का उल्लेखनीय योगदान है।
वह अपने क्षेत्र के अगुआ थे। उन्होंने अपना जीवन इस विषय के लिए समर्पित किया । उनका काम आने वाली पीढ़ियों को सिखाता और प्रभावित करता रहेगा. महान आत्मा को हमारी श्रद्धांजलि। एएसआई के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि उन विद्वानों और वरिष्ठ अधिकारियों में शामिल थे, जो लोधी रोड शवदाह गृह में लाल के अंतिमसंस्कार में शामिल हुए।
मणि ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘वह एक कद्दावर और अनुभवी पुरातत्वविद् थे. वह मेरे शिक्षक थे और उन्होंने चार पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया. मैं अपनी संवेदना व्यक्त करने के लिए उनके परिवार के सदस्यों से मिला उनके बेटे ने मुझे बताया कि हौज खास में उनके घर पर शनिवार सुबह लगभग 8ः40 बजे उनका निधन हो गया। बीबी लाल की अगुवाई में अयोध्या में किए गए उत्खनन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘स्थल बाबरी मस्जिद के पास था. यह वर्ष 1970 के दशक के मध्य में किया गया, लेकिन इस पर कोई रिपोर्ट नहीं बनाई गई थी।