बच्चे को बुखार व दो हफ्ते से लगातार खाँसी होने पर तुरंत कराएं जाँच
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
कासगंज । भारत को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त देश बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अतुल सारस्वत के अनुसार टीबी के लाइलाज बीमारी नहीं है। समय रहते अगर इसका उपचार हो जाए तो यह पूरी तरह से सही हो सकती है।
उन्होंने बताया कि टीबी उन पर ज्यादा आसानी से प्रहार करती है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे में बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से कुपोषित बच्चे आसानी से इसकी जद में आ सकते हैं।
उन्होंने बताया कि किसी भी बच्चे को दो हफ्ते से ज़्यादा लगातार खांसी व बुखार है बच्चा चिढ़चिड़ा एवं सुस्त है, बच्चे की उम्र के साथ वजन नहीं बढ़ रहा या लगातार वजन घट रहा है। बच्चे के शरीर के किसी हिस्से में गांठ व गिल्टी है आदि टीबी के लक्षण हो सकते हैं। वर्तमान में 14 वर्ष की आयु तक तक 177 बच्चे टीबी से ग्रसित हैं, जिनका उपचार चल रहा है।
जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि क्षय रोग संक्रामक बीमारी है। यह एक से दूसरे व्यक्ति में फैलती है। ऐसे में । बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए उनके खान पान पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि टीबी और पोषण का बहुतहै गहरा नाता है। क्योंकि क्षय रोग के दौरान पोषक तत्वों की आवश्यकता सामान्य दिनों से ज्यादा होती है।
क्षय रोगी को उपचार के साथ पोषण युक्त भोजन जैसे कि दालें, अनाज, घी, दही, दूध, पनीर, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, अंडा, मछली आदि भरपूर मात्रा में दें। दवाइयों के साथ बेहतर आहार टीबी मरीज को जल्द से जल्द सही करने में सहायक होता है।
जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र यादव ने बताया टीबी के लक्षणों का पता चलते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जाँच जरूर कराएं, पुष्टि होने पर तुरंत उपचार शुरू करे। और बीच में उपचार अधूरा न छोड़ें । छ: माह तक पूरा उपचार कराएं इलाज अधूरा छोड़ने से टीबी घातक हो सकती है।
उन्होंने बताया कि टीबी मरीज को उपचार के दौरान निक्षय पोषण योजना के तहत प्रति माह 500 रुपये रोगी के खाते में बेहतर खानपान के लिए भेजे जाते हैं। कासगंज अशोकनगर निवासी 14 वर्षीय गौरी ने बताया कि उन्होंने छ : माह तक टीबी का इलाज पूरा कर लिया है अब वह बिल्कुल ठीक है। गौरी ने बताया कि एक वर्ष पूर्व उनको क्षय रोग हो गया था।
उनको लगातार दो हफ्ते से खांसी हो रही थी, वजन घट रहा था, इसके लिए जिला अस्पताल पर जाकर डॉक्टर को दिखाया, डॉक्टर ने बलगम की जाँच कराई जाँच के बाद पता चला की मुझे टीबी है। टीबी अस्पताल से तुरंत ही निशुल्क उपचार शुरू किया गया । छ : माह के इलाज के बाद अब मैं पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हूँ।
टीबी के शुरुआती लक्षण :-
बुखार व ठंड लगना
भूख न लगना
लगातार वजन घटना
दो हफ्तों से ज़्यादा खाँसी रहना
शरीर के किसी हिस्से में गांठ या गिल्टी होना
बच्चे में चिड़चिड़ापन या सुस्त रहना
कमजोरी महसूस होना