संजय महेश्वरी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । दधीचि देह दान समिति, देहली ने अपनी रजत जयन्ती व दधीचि जयंती पर देह दान कर्त्तव्य संस्था को दो दिवसीय सम्मेलन में आमंत्रित किया। डॉ एस के गौड़ ने अध्यक्षता करते हुए बताया कि भारत के सम्मानित उपराष्ट्रपति जगदीप धनखडने उद्घाटन करते हुए कहा कि इस मानवीय कार्य हेतु साधुवाद देता हूं। केन्द्रीय स्वस्थ मंत्री श्री मनसुख मांडवी या ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में सभी एन जियो के मानवीय कार्यों को नमन करते हुए कहा इस महान कार्य हेतु जागरूकता फैलाने के वास्ते अधिक अग्रसर होना होगा ।
समिति के संरक्षक आलोक कुमार ने कहा कि इस महा कुम्भ में लगभग 22 प्रान्तों से लगभग 43 एन जियो व लगभग 10 स्वास्थ्य एसोसिएशन (आई एम ए, नोटो आदि)के प्रतिनिधियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करायी है। उन्होंने कहा कि नदी को भी अपना पानी दान करना होता है तभी खेतों को फ़सल के वास्ते पानी मिल पाता है, वृक्ष को फल दान करना पड़ता है, मां को भी बच्चे को स्वस्थ रहने के वास्ते दुग्ध दान करना पड़ता है। इसलिए हमको भी औरों के सहयोगी बनने हेतु रक्त, नेत्र, अंग दान करना चाहिए।
यशवंत देशमुख (नानाजी देशमुख)कि इस अभियान में सभी धर्म के लोग तैयार हैं लेकिन जागरुकता का अभाव है। स्टेट मिनिस्टर ऑफ एक्स्ट एफेयर एंड कल्चरल प्रोग्राम मीनाक्षी लेखी ने बताया कि महर्षि दधीचि ने अपना शरीर सहर्ष असुरों के बध हेतु सौंप दिया।
नाटो कंसल्टेंट डॉ ऋतु गुप्ता ने कहा अंग /देह दान की सच्चाई पारिवारिक सदस्यों को बता कर सफलता मिल सकती है। पूर्व स्वस्थ मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कहा कि जागरुकता के अभाव में लोग असहयोगी बने हुए हैं। एम पी डॉ सुशील मोदी ने समिति व सभी संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस प्रकार के आयोजन होते रहना चाहिए।
संसद टी वी पर डॉ गौड़ ने अपनी संस्था का परिचय देते हुए इंटरव्यू में लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि यही मात्र एक रास्ता है जो मरणोपरांत भी अदृश्य रूप से जीवित रखता है। अपने बारे में तो सभी सोचते हैं जरा गैरों के बारे में भी विचारे। इसमें अपना कुछ भी खर्च ना होने पर दूसरों को काफी कुछ मिल जाता है।