पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रुपये सात सितंबर तक चलेगा अभियान
अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) को गति प्रदान करने एवं समस्त पात्र गर्भवती एवं धात्री माताओं को योजना का लाभ पहुंचाने के लिए एक से सात सितंबर तक प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह मनाया जा रहा है। इस सप्ताह के दौरान योजना के तहत अधिक से अधिक पात्र महिलाओं को लाभान्वित करने का निर्देश दिया गया है। इस योजना के तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को बेहतर स्वास्थ देखभाल और सही पोषण के लिए तीन किश्तों में 5000 रुपये दिए जाते हैं।
सीएमओ डॉ. नीरज त्यागी ने बताया कि इस विशेष अभियान के तहत पहली बार गर्भवती और धात्री माताओं को योजना से लाभान्वित किया जाना है। इसके लिए यह विशेष अभियान सात सितम्बर तक चलाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से है। इसके तहत पहली बार गर्भवती होने वाली महिलाओं को तीन किश्तों में पांच हजार रुपए दिए जाते हैं। उन्होंने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए गर्भवती अपने निकटतम स्वास्थ्य केंद्र, एएनएम ,आशा से संपर्क कर नि:शुल्क आवेदन कर सकती है।
पीएमएमवीवाई के नोडल अधिकारी डॉ. राहुल शर्मा ने बताया कि एक से 7 सितंबर तक विशेष अभियान चलाकर योजना से वंचित लाभार्थियों को पंजीकृत किया जाएगा। योजना की जिला कार्यक्रम समन्वयक गीतू हरकुट ने बताया कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना सप्ताह में योजना से वंचित प्रत्येक लाभार्थियों के फॉर्म भरने के साथ ही आशा व एएनएम को फार्म एकत्रित करके पंजीकरण हेतु उपलब्ध कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है । योजना के तहत जनवरी 2017 से अब तक लगभग 97,759 महिला लाभार्थियों का पंजीकरण किया जा चुका है।
पहली बार गर्भवती होने पर तीन किश्तों में मिलते हैं पांच हजार रुपये:
पहली बार गर्भवती होने वाली महिला को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और सही पोषण के लिए तीन किश्तों में 5,000 रुपये दिये जाते हैं। इसके लिए पंजीकरण कराना पड़ता है। रजिस्ट्रेशन होते ही लाभार्थी को 1,000 रूपये की पहली किश्त सीधे बैंक खाते में जाती है। दूसरी किश्त 2,000 रूपये की प्रसव पूर्व पहली जांच होने पर और 2000 रूपये की तीसरी किश्त बच्चे के जन्म के बाद टीकाकरण का पहला चक्र पूरा होने के बाद दी जाती है। यह सभी भुगतान लाभार्थी के बैंक के खाते में सीधे किये जाते हैं। सरकारी सेवा वाली महिलाओं को योजना में नहीं शामिल किया जाता है।