(जिला ब्यूरो अन्नू सोनी) अलीगढ़ । आखिरकार थाना बन्नादेवी से उड़ान सोसायटी द्वारा संचालित चाइल्ड लाइन 1098 को मिले चार वर्षीय बालक बालक सूरज के परिजनों का मीडिया के सहयोग से मिल गया। बालक अपने पिता का नाम दिगंबर, माता का नाम मनीषा बता रहा साथ में अपने आप को जलाली का निवासी बता रहा था। बालक दस जुलाई को लावारिश अवस्था में बालू बदरपुर की दुकान आई०टी०आई०रोड तिराहा पर गुरमीत सिंह को घूमता हुआ मिला था । अगले दिन चाइल्डलाइन द्वारा बालक को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया । उसी दिन चाइल्ड लाइन निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा द्वारा आईटीआई चौकी इंचार्ज को व्हाटसएप व् फ़ोन कर सूचना भेज दी गयी थी इसके साथ ही चाइल्ड लाइन टीम सदस्य रेखा व् विवेक द्वारा आईटीआई रोड, नुमाइश ग्राउंड स्थित झुग्गीवासियों, बरौला पुल के निकट बालक को ले जाकर काफी लोगों से इस विषय में पूछताछ की गयी । बाद में बालक द्वारा अपना पता जलाली बताया गया ।जिसके उपरांत चाइल्डलाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा द्वारा जलाली के पत्रकारों के माध्यम से जलाली चौकी व् अन्य प्रबुद्ध लोगों को सूचना दी । साथ ही निदेशक महोदय द्वारा जिस स्थान पर बालक प्राप्त हुआ था वहां भी लोगों से जाकर बालक के विषय में जानकारी प्राप्त की गयी । चाइल्ड लाइन टीम सदस्य भारत सिंह द्वारा जलाली चेयरमैन व् थाना अकराबाद को भी बालक के विषय में अवगत करा दिया गया। बालक के विषय में पूरी जानकारी मीडिया में भी प्रकाशित कराई गई। जिसके बाद बालक के पिता को कुछ पड़ोसियों ने मीडिया में छपी खबर व बालक की तस्वीर दिखाई। जिसके उपरांत पिता भीमसेन पुत्र गोपाली निवासी चौकी वाला मोहल्ला जलाली तुरंत थाना बन्ना देवी पहुंचा। जहां से उन्हें चाइल्डलाइन कार्यालय भेज दिया गया। चाइल्ड लाइन कार्यालय पर पहुंचे पिता को देखकर बालक सूरज की आंखों में आंसू आ गए।भीमसेन ने बताया कि उसने बेगूसराय निवासी मनीषा उर्फ मुख्ला देवी से वर्ष 2019 में दिल्ली में शादी कर ली थी। वो अपनी पत्नी को लेकर अभी कुछ दिन पूर्व ही बल्लभगढ़ काम की तलाश में गया था। जहां से पत्नी सूरज को लेकर दस जुलाई को प्रातः छ: बजे कहीं निकल गई । वहीं एक सात माह के बच्चे पंकज को सोता छोड़ गई। वो तभी से पत्नी व बच्चे की लगातार तलाश कर रहा था। आज सुबह कुछ लोगों ने उसको अख़बार में निकले बच्चे के फोटो व खबर को उस दिखाया तो वो कार्यालय बच्चे को लेने आया है। भीमसेन व बालक को चाइल्डलाइन द्वारा बाल कल्याण समिति को समक्ष पेश किया गया। जहां से सूरज को पिता की सुपुर्दगी में दे दिया गया।