उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में भाजपा का अहंकार इन दिनों सिर चढ़कर बोल रहा है।अपने में भाजपा नेतृत्व ने भाषा आमरण की मर्यादा की सीमाये तोड़ दी है।और राजनैति की गरिमा सेभी खिलवाड़ करने में संकोच नहीं किया है। भाजपा नेतृत्व का संविधान और लोकतंत्र की व्यवस्थाओ मे भी भरोसा नहीं रह गया है। इसलिए ऐसे दुस्साहस पूर्ण दावे किए जा रहे हैं।कि उनकी सरकार हमेशा सत्ता में बनी रहेगी। लोकतन्त्र में तो हर पांच साल वर्ष बाद जनता अपने प्रतिनिधियों सांसद, विधायक का चुनाव करती है। जबरन सत्ता पर काबिज रहने का दावा तो संविधान के अनुरूप आचरण के विपरीत तानाशाही मानसिकता की साज़िश का संकेत देता है। पिछले दिनों कन्नौज की बिना किसी संदर्भ के शीर्ष नेतृत्व ने चर्चा की। इसमें जिस भाषा का इस्तेमाल हुआ उसमें राजनीति किस आपको भी बट्टा लगा पलका अन्यथा इस्तेमाल सत्ता के दुरुपयोग को दुर्घटना ही मानी जाएगी। उत्तर प्रदेश में साड़ी 3 वर्षों में भाजपा सरकार ने अनावश्यक मुद्दों में उलझा कर राज्य का बहुत अहित किया है। जनता के साथ बहुत बड़ा धोखा और छल हुआ है। दिन-प्रतिदिन घटनाये घट रही है। अपराधियों पर कोई अंकुश नहीं रह गया है। अपनी नफरत और समाज को बांटने वाली हरकतों को भाजपा छोड़ने का नाम नहीं लेगी क्योंकि उसी के सहारे इसकी संपूर्ण राजनीति संचालित होती है। भाजपा को r.s.s. निर्देशित करता है जिसका स्वतंत्रता आंदोलन की मूल्यो में कोई नाता रिशता नही रहा है। यह है सच तो यह है कि भाजपा सरकार मोर्चे पर विफलता जगजाहिर है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है कोरोना संक्रमण थम नहीं रहा है। अफसरशाही बेलगाम है जो इनके ही जनप्रतिनिधियो को पीटते हैं। और सत्ता दल के विधायक सांसद भी अपनी सरकार के कार्यों पर उंगली उठा रहे हैं। इस सबसे त्रस्त होकर मुख्यमंत्री जी ने सन 2004 की लोकसभा चुनाव का सहारा लेकर अपने विरोध की दिशा मोड़ने का घटिया प्रयास किया है। लेकिन तब भी ना तो वह जनता को भहका पाये थे। उनका ब्रह्मास्त्र अब उन्हीं के पास वापस आएगा। मुख्यमंत्री जी को सत्य का आचरण का पालन करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में ऐसी पहली सरकार है जो सत्य के अलावा कुछ भी बोलती रहती है। लोकतंत्र में सरकार में संविधान के आधार पर ही चलती हैं। पर यहां तो भाजपा ने संविधान के प्रति सम्मान भाव को ठेस पहुंचाने का इरादा जाहिर कर दिया है। भाजपा को वह हमेशा स्मरण रखना चाहिए लोकतंत्र में जनता सर्वो परी होती है। जनता भाजपा की चाल चरित्र और चेहरा बहुत अच्छी तरह पहचान चुकी है जिसका परिणाम 2022 में अखिलेश यादव की सरकार बनाकर जवाब देगी।
अलीगढ़ से संवाददाता
अक्षय कुमार गुप्ता