जिला कारागार का निरीक्षण कर बन्दियों का आवश्यकतानुरूप विधिक सहायता उपलब्ध कराने के दिए निर्देश
(अन्नू सोनी की रिपोर्ट)
अलीगढ़ । उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं जिला न्यायाधीश संजीव कुमार के निर्देशानुसार गुरूवार को अपर जिला जज एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नितिन श्रीवास्तव द्वारा जिला कारागार में विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन एवं कारागार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जेलर कमलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि आज की तिथि में जिला कारागार में कुल 1175 बंदी निरुद्ध है । विधिक साक्षरता शिविर में विभिन्न बैरकों के दोषसिद्ध एवं विचाराधीन बन्दी उपस्थित रहे। सचिव द्वारा बन्दियों को अवगत कराया गया कि जिन विचाराधीन बन्दियों की जमानत से पूर्व हो चुकी है किन्तु जमानत बन्ध पत्र दाखिल न होने के कारण उनकी रिहाई अभी तक नही हुई है, वह अतिशीघ्र न्यायालय में जमानत बन्ध पत्र दाखिल कराएं।
जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, वह इस सन्दर्भ में कारागार में नियुक्त पीएलवी अथवा जिला कारागार में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण से आने वाले चीफ, डिप्टी चीफ, असिस्टेट लीगल एड डिफेंस काउसिल द्वारा एक प्रार्थना पत्र सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के नाम प्रेषित कराएं। जिसके क्रम में जमानत की धनराशि शिथिल करने के सम्बन्ध में नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जायेगी। उन्होंने कहा कि आप अपने-अपने बैरकों में निरूद्व बन्दियों को उपरोक्त सूचनायें उपलब्ध करायें ताकि वह भी लाभ उठा सकें। उन्होंने कहा कि यदि कोई ऐसा बन्दी जिसके पास अधिवक्ता न हो, तो उसे उसके वाद की पैरवी के लिए निःशुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराया जायेगा। विधिक साक्षरता शिविर में विभिन्न बैरकों के दोषसिद्ध, विचाराधीन करीब 100 बन्दी उपस्थित थे। जिनमें से 07 बंदियो ने सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराने के लिये कहा, 02 बंदियो ने जेल अपील डलवाने के लिये कहा एवं 05-06 बदियो द्वारा जमानती दाखिल करने में असमर्थता जताते हुए जमानत की शर्ताे को भी शिथिल करने की याचना की गयी।
सचिव द्वारा विधिक साक्षरता शिविर में उपस्थित डिप्टी एवं असिस्टेट लीगल एड डिफेंस काउंसिल को आदेशित किया गया कि वह इन समस्त बंदियो से मिलकर उनसे प्रार्थना पत्र लेकर उसे जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्रेषित कराये ताकि उनके प्रार्थना पत्र अग्रिम कार्यवाही की जा सके । विधिक साक्षरता शिविर के उपरांत सचिव द्वारा जिला कारागार का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान सर्वप्रथम पाकशाला का निरीक्षण किया गया। जेलर कमलेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा अवगत कराया गया कि बंदियो को सांयकालीन भोजन में रोटी, उड़द की दाल व आलू सोयाबीन के सब्जी दी जायगी। पाकशाला के निरीक्षण के दौरान यह देखा गया कि सांयकालीन भोजन के लिए रोटियाँ तैयार की जा रही थीं एवं दाल भी पकायी जा रही थी। बंदियो द्वारा उबले आलू को अलग किया जा रहा था।पाकशाला में साफ-सफाई पाई गयी।
डिप्टी जेलर राजकुमार द्वारा अवगत कराया गया कि नवरात्र के अवसर पर बंदियो द्वारा व्रत रहा जाता है और व्रत के दौरान उन्हे फलाहार के लिए उबले आलू, दो केले व आधा लीटर दूध का पैकेट दिया जाता है । पाकशाला निरीक्षण के उपरांत सचिव द्वारा बैरक संख्या 16, 17 व 18 का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में 02 बंदियो ने सरकारी अधिवक्ता उपलब्ध कराने के लिये कहा, बैरक के एक बंदी ने जमानत होने के उपरांत कोई पैरोकार न होने के कारण उसकी रिहाई न होने की बात कही। इस पर सचिव ने जेल पीएलवी को आदेशित किया के दोनों अभियुक्त को प्रार्थना पत्र को लेकर उसे कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रेषित कराये ताकि उनके उनके प्रार्थना पत्र नियमानुसार विधिक कार्यवाही की जा सके।
सचिव द्वारा कारागार चिकित्सालय का भी निरीक्षण किया गया।निरीक्षण में वरिष्ठ चिकित्साधिकारी डॉ0 रिजवी द्वारा अवगत कराया गया कि कारागार अस्पताल में 24 बंदी भर्ती है, जिनमें से 18 बंदी जनपद अलीगढ के है व 06 बंदी जनपद हाथरस के है।चिकित्साधिकारी द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि एक बंदी कैंसर से पीड़ित है जिसकी ही कीमोथेरेपी करायी गयी है। निरीक्षण के दौरान डिप्टी चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम अनुज कुलश्रेष्ठ, असिस्टेंट लीगल एंड डिफेंस काउंसिल सोमेन्द्र कुमार शर्मा, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्टैनो राजीव कौशल व कनिष्ठ सहायक मनोज कुमार उपस्थित रहे।