अन्नू सोनी की रिपोर्ट
अलीगढ़ । अचानक अलीगढ ही नहीं आस पास के क्षेत्रों मे भी आई फ़्लू जोरों पर है । इसी संबंध मे हमारे प्रतिनिधि ने महानगर के वरिष्ठ होम्यो चिकित्सक डा एस के गौड़ ने विस्तृत वार्ता की ।
प्रस्तुत है वार्ता के मुख्य अंश
काला चश्मा देखते ही सोच लेना चाहिए कि इसे भी—हो गया है। क्या बही फ्लू। इससे डरने की आवश्यकता नहीं। हाँ सावधानी जरूरी है। यह छूत की बीमारी है। लेकिन ऐसा नहीं कि हरेक को हो जाय।यदि ऐसा होता तो शायद अलीगढ़ से काले रंग शीशे वाले चश्मे ग़ायब हो जाते। हाँ बिक्री बढ़ी है। जिनकी रोग से लड़ने की क्षमता (इम्यून शक्ति)ठीक-ठाक है उन्हें कुछ नहीं हो सकता।
जानें लक्षण-
आंखों में बालू जैसी किरकिरी महसूस होना।
लाली के साथ दर्द आखों में
पानी आना जिससे आंखों में चिपचिपा पन हो सकता है।
खुजली के साथ चिड़चिड़ापन।
दर्द, अनिद्रा के साथ ज्वर सूजन आंखों में।
क्या ना करें- आँखों को गंदे हाथों से ना रगड़ने लगें और ना ही गंदे कपड़े से पौंछाकरें।
बिना डॉक्टरी सलाह के कैसी भी दवा ना डालें।
घातक हो सकती है।
आँखों का उपयोग (मोबाइल,कम्प्यूटर, पढ़ाई आदि) बिल्कुल ना करें। रात या अंधेरे में।
सार्वजानिक स्थानों पर जाने से परहेज रखें।
तीखी, बाहरी खाने-पीने वाली वस्तुओं से दूरी बनाए।
ऐसा करें ।
बार बार स्वच्छ पानी से छींटे मार कर धोए व सूती, सफेद वस्त्र से धीरे-धीरे दवा कर सुखाएं। कतई रगड़ने ना दें।
बोरिक पाउडर एक चुटकी गुनगुने (गर्म नहीं)स्वच्छ जल में डाल रुई से हल्के से दबा कर सेक करें।
गुलाबजल कई बार दोनों आंखों में डालें।
होम्योपैथिक दवाएं
सुर्ख लाल, दर्द सहित- बैलाडौना
खुजली सहित पानी-
यूफरेशिया
चिपचिपापन सुबह जागने पर-अरजेनटम नाइटरिकम
बुखार,पानी की पयास अधिक-बरायोनिया
डालने के लिए- सिनारेरिया
आई ड्रॉप
विशेष-डॉक्टरी सलाह कोई कैसी भी दवा ना लें।