चिकित्सकों ने जाँची गर्भवती महिलाओं की सेहत
नीरज जैन की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए माह की 9 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान तो 24 तारीख को विस्तारित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए) दिवस मनाया जाता है । 9 तारीख को जिले की सभी सीएचसी, डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला और सिविल अस्पताल लिंजीगंज में पीएमएसएमए मनाया जाता है लेकिन 24 तारीख़ को जिले की चार फर्स्ट रेफरल यूनिट कायमगंज, राजेपुर, कमालगंज और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में यह दिवस मनाया जाता है । इस दौरान गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जांच की जाती है l
इसी क्रम में सीएचसी कायमगंज में विस्तारित प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस मनाया गया l अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और आर सी एच नोडल डॉ दलवीर सिंह ने बताया कि इस मौके पर महिला रोग विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व की सम्पूर्ण जांच कर उनका टीकाकरण किया गया । विटामिन, आयरन-फोलिक एसिड व कैल्शियम की दवाएं वितरित कर महिलाओं को प्रसव पूर्व व प्रसव उपरान्त संतुलित और पौष्टिक आहार लेने, साफ-सफाई रखने, समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेने और प्रसव संस्थागत कराने के लिए प्रेरित किया गया ।
इस दौरान सीएचसी कायमगंज पर तैनात स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ मधु अग्रवाल द्वारा 50 गर्भवती महिलाओं की एएनसी (प्रसव पूर्व जांच) की गई । इस दौरान महिलाओं का अल्ट्रासाउंड, वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड-प्रेशर, ब्लड-ग्रुप, ब्लड-शुगर, एचआईबी, हेपेटाइटिस-बी व पेट की जाँच की गयी । जाँच के दौरान उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था की पाई गयी महिलाओं को आयरन-शुक्रोज लगाया गया तथा उन्हें दवा के नियमित सेवन के साथ-साथ विशेष देखभाल रखने और समय-समय पर चिकित्सीय परामर्श लेते रहने की सलाह दी गयी ।
डॉ मधु ने बताया कि किसी गर्भवती महिला में यदि 7 ग्राम से कम हीमोग्लोबिन होता है, तो उसको सीवियर एनीमिया की स्थिति में रखा जाता है । गर्भावस्था के समय महिलाओं को कम से कम चार प्रसव पूर्व जांच करानी चाहिए और नियमित चिकित्सीय सलाह लेते रहना चाहिए । उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को हरी साग-सब्जियों, अंकुरित चना एवं दाल, गुड़ आदि का अधिक से अधिक सेवन करना जरूरी होता है ।
डॉ मधु ने कहा कि सुरक्षित मातृत्व दिवस का मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को जागरूक करना, सुरक्षित प्रसव और शिशु को स्वस्थ जीवन प्रदान करने के साथ ही मातृ मृत्यु-दर को कम करना है । जिला मातृ स्वास्थ्य परामर्शदाता अतुल गुप्ता ने बताया कि जिले के चार (एफआरयू) कायमगंज में 50 राजेपुर में 35 कमालगंज 30 और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में 52 गर्भवती की जाँच की गई । जिसमें से कायमगंज में 10, राजेपुर में 5-,कमालगंज में 6और डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में 13 महिलाएं उच्च जोखिम गर्भावस्था (एचआरपी) वाली निकली | जिनको उचित सलाह और दवा दी गई ।
कायमगंज के चौक की रहने बाली बदला नाम आसमा 30 वर्ष ने बताया कि मेरे यह छटा बच्चा होने को है मेरे सभी बच्चे सीएचसी पर हुए मेरी जांच की गई जिसमें मेरे शरीर में खून 6.8 प्रतिशत निकला इसलिए मेरे आयरन शुक्रोज लगाया गया साथ ही खाने के लिए दवा भी दी गई ।
इसी ब्लॉक के ग्राम चिलांका की रहने वाली 27 वर्षीय बदला नाम नसरीन ने बताया कि मेरे पहला बच्चा आपरेशन से हुआ था साथ ही खून की जाँच होने पर पता चला कि मेरा हीमोग्लोबिन 8.6 प्रतिशत है| तो मेरे आयरन सुक्रोज लगाया गया साथ ही जिला महिला अस्पताल में जाँच और दवा के लिए कहा गया । इस दौरान स्टाफ नर्स निर्दोष, वर्षा, रीता, शीतल सहित गर्भवती महिलाएं मौजूद रहीं ।