ठाकुर धर्म सिह ब्रजवासी की रिपोर्ट
वृन्दावन। वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामाकुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के द्वारा चल रहे साकेतवासी श्रीमहंत भगवानदास महाराज के त्रिदिवसीय तिरोभाव महोत्सव के तीसरे दिन महाराजश्री के चित्रपट का पूजन – अर्चन वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य संतों, विप्रों एवं भक्तों – श्रद्धालुओं के द्वारा किया गया।महाराजश्री की पावन स्मृति में हुए संत समागम में तमाम ख्यातिनामा महामंडलेश्वरों, महंतों एवं संतों आदि ने भाग लिया।
संत समागम में श्रीनाभापीठाधीश्वर श्रीमज्जगदगुरू स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज व श्रीमहंत अमरदास महाराज ने कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत भगवानदास महाराज श्रीधाम वृन्दावन के प्राचीन स्वरूप के परिचायक थे।उन्होंने अत्यंत निस्पृह व साधनामय जीवन जीते हुए अपने भजन के प्रताप से असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया।
महामंडलेश्वर सच्चिदानंद शास्त्री व महामंडलेश्वर राधाप्रसाद देव जू महाराज ने कहा कि श्रीमहंत भगवानदास महाराज जैसे भजनानंदी संतों का अब युग ही समाप्त होता चला जा रहा है।उन जैसी विभूतियों से ही श्रीधाम वृन्दावन गौरांवित होता चला आ रहा है। ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व ब्रजभूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि साकेतवासी श्रीमहंत भगवानदास महाराज ने अपने सदगुरुदेव साकेतवासी सुदामादास महाराज के पदचिन्हों पर चल कर सुदामा कुटी में गौ, संत, निर्धन, पशु-पक्षियों आदि के कल्याण के कई सेवा प्रकल्प संचालित किए।
इस अवसर पर महंत जगन्नाथ दास शास्त्री,राम संजीवन दास शास्त्री,जानकी मंदिर के महंत रामदास महाराज,संगीतज्ञ स्वामी देवकीनंदन शर्मा,मोहिनी शरण महाराज,रामरज दास महाराज, भागवताचार्य गोपाल भैया,आचार्य विनय त्रिपाठी,युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,जुगल गोस्वामी,आचार्य नेत्रपाल शास्त्री, रमेशचंद्र विधिशास्त्री,निखिल शास्त्री, मंगेश दुबे, नंदकिशोर अग्रवाल,मोहन शर्मा ,राजकुमार शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया। तत्पश्चात महंतों,विद्वानों का सम्मान किया गया। संत – ब्रजवासी – सेवा भी हुई।