फाइलेरिया अभियान के दौरान 4005 लोगों में मिले 8 फाइलेरिया रोगी
नीरज जैन की रिपोर्ट
फर्रुखाबाद । जिले में फाइलेरिया रोगियों की खोज के लिए माह के प्रत्येक बुधवार को जिला मलेरिया विभाग में नाइट क्लीनिक चलती है । जिसमें फाइलेरिया रोगियों की पहचान के लिए रात में 8 बजे से 10 बजे तक नाइट ब्लड सर्वे होता है । इसके अलावा महीने में दो बार जहां पर फाइलेरिया रोगी हैं या कोई संभावित गांव है तो वहां शिविर लगाकर रात्रि में रक्त का सैंपल लिया जाता है । यह कहना है जिला मलेरिया अधिकारी (डीएमओ) डॉ राजेश माथुर का ।
इस दौरान सहायक मलेरिया अधिकारी नरजीत कटियार वरिष्ठ मलेरिया अधिकारी अशोक यादव, फाइलेरिया निरीक्षक योगेश, अनिमेश, सीनियर लैब टेक्नीशियन राममिलन बायोलाजिस्ट राम शुक्ला सहित ग्राम प्रधान, आशा कार्यकर्ता सहित अन्य लोग मौजूद रहे ।
डीएमओ ने बताया कि गुरूवार की रात याकूतगंज में बने उपकेंद्र में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अवनीन्द्र कुमार के निर्देशन में नाइट ब्लड सर्वे किया गया जिसमें 96 लोगों के रक्त के नमूने लिए गए जिनको जांच के लिए लैब में भेज दिया गया है । उन्होनें बताया की फाइलेरिया के रोगियों को रात में इसलिये चिन्हित किया जाता क्योंकि रात में ही इसके परजीवी यानि माइक्रो फाइलेरिया खून में अधिक सक्रिय होते हैं। इसलिये रात में खून के नमूने की जांच कर संक्रमण की स्थिति का पता लगाया जा सकता है।
डीएमओ ने बताया कि जिले में कुल सात ब्लॉक हैं । हर ब्लाक में दो क्षेत्रों में रक्त के नमूने लिए जायेंगे। एक ऐसा क्षेत्र जहां पूर्व में अधिक फाइलेरिया के रोगी पाये गये हों एवं एक रैंडम साइट में नाइट ब्लड सर्वे सभी आयु वर्ग के लोगों का किया जायेगा ।
डीएमओ ने कहा कि जहां पर भी शिविर लगाया जाएगा वहां की जियो टैगिंग की जाएगी यानि जियो टैगिंग एप के माध्यम से पता चल जाएगा कि टीम वहां पर गई है या नहीं ।
डीएमओ ने कहा कि फाइलेरिया के लक्षण प्रतीत होने पर जल्द से जल्द पास के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर सम्पर्क करें और इसके इलाज में लापरवाही न बरतें । हाइड्रोसील से ग्रसित मरीज भी फाइलेरिया के अंतर्गत आते हैं वह अपना आपरेशन डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय में मुफ्त करा सकते हैं । इसके साथ ही जब भी फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत सामूहिक दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम चले, उस दौरान मिलने वाली फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन जरूर करें ।
जिला फाइलेरिया निरीक्षक दीपांशु यादव ने बताया कि इस समय लगभग 1013 लोग फाइलेरिया से ग्रसित हैं । इस वर्ष 12 मई से 27 मई तक चले फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के दौरान 4005 लोगो के रक्त की पट्टिकाये बनाई गई थी उनमें से 8 नए फाइलेरिया रोगी मिले थे ।
फाइलेरिया के लक्षण -:
1. एक या दोनों हाथ व पैरों में (ज़्यादातर पैरों में) सूजन
2. कॅपकॅपी के साथ बुखार आना
3. पुरूषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसिल) होना
4. पैरों व हाथों की लसिका वाहिकाएं लाल हो जाती हैं।