राहुल वर्मा की रिपोर्ट
मध्य प्रदेश। वर्धा आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार एवं महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के संयुक्त तत्वावधान ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान’ विषय पर रविवार, 4 सितंबर को विश्वविद्यालय के अटल बिहारी वाजपेयी भवन मेंआयोजित भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल के कर कमलों से संपन्न हुआ। इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो. हनुमानप्रसाद शुक्ल, कुलसचिव कादर नवाज खान, वित्ताधिकारी पी. सरदार सिंह, अधिष्ठातागण, विभागाध्यक्ष, अध्यापक, शहर के गणमान्य नागरिक तथा विद्यार्थी बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
प्रदर्शनी में जनजाति नायकों यथा राणा पूंज भील, रानी दुर्गावती, सिनगी दई, नंतराम नेगी, तिलका मांझी, तलक्कल चंदु, वीर बुधु भगत, उतिरोत सिंग, राणोजी भांगरे, रेंडो मांझी, सिदो कान्हू मुर्मू, वीरांगना फूलो, चक्र बिशोई, डेलन शाह, नीलांबर पितांभर, नारायण सिंह, बाबूराव शेडमाके, खाज्या नायक, भीमा नायक, टंट्या भील, बिरसा मुंडा, गोविंद गुरू, मर्री कामख्या, लक्ष्मण नायक और हुतात्मा कंसरी चंद आदि को उनके योगदान के साथ दर्शाया गया है। प्रदर्शनी के उद्घाटन के अवसर पर कुलपति प्रो. शुक्ल की ओर से दीप दीपन और जनजाति नायकों के छायाचित्रों पर माल्यार्पण किया गया। इस अवसर पर वनवासी कल्याण आश्रम के विदर्भ प्रांत के हितरक्षा प्रमुख संतोष काशीद, अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के वर्धा जिला अध्यक्ष शरद आडे तथा प्रदेश सचिव चेतन पेंदाम, सामाजिक कार्यकर्ता अनिल नरेडी, वर्धा कला महोत्सव के संदीप चिचाटे उपस्थित थे।
सोमवार को व्याख्यान का आयोजन
‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों का योगदान’ पर सोमवार, 5 सितंबर को विश्वविद्यालय के गालि़ब सभागार में पूर्वाह्न 10.30 बजे कुलपति प्रो. रजनीश कुमार शुक्ल की अध्यक्षता में ‘स्वतंत्रता संग्राम में जनजाति नायकों के योगदान’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग, भारत सरकार, नई दिल्ली के सदस्य अनंत नायक उपस्थित रहेंगे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में मध्यप्रदेश शासन, मुख्यमंत्री कार्यालय के उपसचिव लक्ष्मण राज सिंह मरकाम (आईएएस) एवं जनजाति आयोग की वक्ता प्रो. सीमा सिंह उपस्थित रहेंगी।
कार्यक्रम के दौरान फिल्म प्रदर्शन, छात्र संवाद, नाटक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुतियाँ होंगी। इस आयोजन में वर्धा और आसपास के आदिवासी विद्यार्थियों एवं अध्यापकों की सहभागिता भी रहेगी। विश्वविद्यालय में होने वाले इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में सहभागिता करने की अपील राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग और विश्वविद्यालय की ओर से की गयी है।