अलीगढ़। देश विदेश में विख्यात अलीगढ़ के महान गीतकार और कवि पद्म श्री पदमभूषण से सुशोभित बॉलीवुड में सैकड़ो गीतों के रचियता 70 के दशक के मशहूर निर्माता, निदेशक और अभिनेता देवानंद के परम मित्र डॉ0 गोपालदास नीरज जी की रविवार को द्वितीय पुण्यतिथि के अवसर पर अलीगढ़ के राजयकीय औद्योेगिक एवं कृषि प्रदर्शनी के नीरज-शहरयार पार्क में लगी नीरज जी की प्रतिमा पर समाज सेवियों और चर्चित फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ ने नीरज जी की प्रतिमा पर माल्यापर्ण कर श्रंद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान लॉक डाउन के चलते उनकी याद में सामूहिक रूप से सार्वजनिक स्थलों पर कार्यक्रम तो आयोजित नही हुए लेकिन लोगों ने अलग-अलग उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए और श्रंद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर नीरज जी के ज्येष्ठ पुत्र मिलन प्रभात पुत्र वधु रंजना सक्सेना, स्वन्त्र फोटो जर्नलिस्ट मनोज अलीगढ़ी, शरद बंसल, मोहित अग्रवाल, शिव कुमार सक्सेना आदि लोग मौजूद रहे। मनोज अलीगढ़ी ने नीरज के उन गीतों की प्रशसा की जो आज लोगो की जुबान पर हैं जिसमे मेरा नाम जोकर का देख भाई जरा देख के चलों और कारवां गुजर गया और हम खडे-खडे गुबार देखते रहे आदि सदा बहार बने हुए है।